नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में अध्यपकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे कितने स्कूल हैं, जिनमे टीचरों की कमी है और कितने स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्र नहीं हैं. साथ ही पूछा कि ऐसे कितने स्कूल हैं जिनके भवन जीर्णशीर्ण हालात में हैं, उनकी रिपोर्ट चार सप्ताह में पेश करने के आदेश दिए.
HC ने पिथौरागढ़ के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति पर की सुनवाई, सरकार से टीचरों, बच्चों और जीर्णशीर्ण भवनों की मांगी रिपोर्ट - Uttarakhand Primary School - UTTARAKHAND PRIMARY SCHOOL
Pithoragarh Primary School सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में अधिकांश स्कूलों में टीचरों की कमी है. साथ ही कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या बेहद कम है. वहीं इसी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई की.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Apr 2, 2024, 3:01 PM IST
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर की सुनवाई:मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पिथौरागढ़ जनपद में 292 ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें एक एक शिक्षक नियुक्त हैं. कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनमे छात्रों की संख्या 11, 21, 24 हैं. लेकिन उनमें अध्यापक नहीं हैं. कुछ स्कूलों के भवन खस्ताहाल हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. सरकार बच्चों के भविष्य से खेल रही है. सरकार ने स्कूल तो खोल दिए, परन्तु अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की.
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कई स्कूलों को किया गया है मर्ज:जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराई जाए और स्कूल भवनों को सुधारा जाए. सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन स्कूलों में छात्र नहीं हैं और जिनमें छात्रों की संख्या कम रह गयी है, उनको दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है. मामले को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ताकि छात्रों के भविष्य को सुधारा जा सके.