शिमला: हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम को आदेश दिए हैं कि अपनी इकाइयों से जुड़ी सेवाओं या संपत्तियों को किसी भी निजी व्यक्ति या संस्था को तब तक नहीं देगा जब तक निगम को संबंधित संस्था या निजी व्यक्ति द्वारा देय अस्थायी राशि का कम से कम 80 फीसदी भुगतान ना हो जाए.
यह आदेश विवाह और पार्टियों के लिए संपत्तियों को किराये पर देने के मामलों में लागू होगा, ना कि मेहमानों के साथ दिन-प्रतिदिन के व्यवहार में. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि संबंधित इकाई के प्रभारी अधिकारियों में से कोई भी इस संबंध में गलती करता है, तो वह अधिकारी पर्यटन निगम के नुकसान की भरपाई करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा.
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने एचपीटीडीसी द्वारा संचालित सभी इकाइयों के विवरण भी अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं. एचपीटीडीसी को यह आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि यह इकाइयां चाहे होटल हों या रेस्तरां हों, इनके द्वारा अर्जित आय के बारे में न्यायालय को सूचित किया जाए.