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संजौली मस्जिद विवाद: HC का एमसी कमिश्नर को आदेश, आठ हफ्ते में पूरी की जाए मुख्य केस की प्रोसीडिंग्स - SANJAULI MOSQUE CASE

संजौली मस्जिद विवाद को लेकर HC ने नगर निगम कमिश्नर को आठ हफ्ते में मामले का फैसला करने के निर्देश दिए हैं.

SANJAULI MOSQUE CASE
संजौली मस्जिद विवाद (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 21, 2024, 2:56 PM IST

Updated : Oct 21, 2024, 3:09 PM IST

शिमला:राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली की मस्जिद से जुड़े विवाद में सोमवार का दिन घटनाप्रधान रहा. पहले मस्जिद कमेटी ने यहां अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया, फिर हाईकोर्ट से एक निर्देश आया. दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में संजौली के लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से एक रिट याचिका दाखिल की गई थी. उस याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने सुनवाई की.

न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले में नगर निगम कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि वो आठ हफ्ते के भीतर इस पर फैसला करें. उल्लेखनीय है कि संजौली के स्थानीय नागरिकों की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में आग्रह किया गया था कि अदालत नगर निगम कमिश्नर को इस अवैध निर्माण के 2010 से चल रहे मामले का निपटारा समयबद्ध करने के निर्देश दे. स्थानीय नागरिकों ने वर्ष 2010 में नगर निगम के समक्ष शिकायत की थी कि संजौली मस्जिद में बिना अनुमति व बिना नक्शा पास करवाए अवैध निर्माण हो रहा है. उसी मामले में हाईकोर्ट ने आठ सप्ताह में प्रोसीडिंग्स पूरी करने का आदेश दिया है.

जगतपाल ठाकुर, एडवोकेट (ETV Bharat)

लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से मामले में एडवोकेट जगतपाल ठाकुर पेश हुए थे. उन्होंने बताया कि शनिवार 19 अक्टूबर को हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. लोकल रेजिडेंट्स की याचिका का नंबर 11700/2024 है. इस याचिका में संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण के मामले को समयबद्ध तरीके से निपटारे के आदेश नगर निगम कमिश्नर को जारी करने का आग्रह किया गया था.

एडवोकेट जगतपाल ठाकुर के अनुसार हाईकोर्ट ने रिट को स्वीकार करते हुए नगर निगम कमिश्नर को आदेश जारी किए हैं कि आठ हफ्ते में इस केस की पूरी प्रोसीडिंग्स को खत्म किया जाए. ये मामला करीब पंद्रह साल से लंबित है. दरअसल, वर्ष 2010 में लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से नगर निगम में एक शिकायत दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण किया जा रहा है.

शिकायत में कहा गया कि संबंधित अथॉरिटी की अनुमति व नक्शे को मंजूर करवाए बिना निर्माण किया जा रहा है. ये शिकायत 15 साल से विचाराधीन थी. एडवोकेट ने बताया कि याचिका पर हाईकोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया है. उन्होंने बताया कि नगर निगम कमिश्नर की तरफ से जो हाल ही में आदेश आया है, वो मुख्य केस को लेकर नहीं है. वो आदेश मस्जिद कमेटी के उस आग्रह पर है, जिसमें उन्होंने खुद ही अवैध निर्माण को गिराने की अनुमति मांगी थी. एडवोकेट जगतपाल ने बताया कि अब हाईकोर्ट में याचिका दी गई थी कि मुख्य केस का समय पर निपटारा किया जाए, जिस पर अदालत ने निर्देश पारित किए हैं.

उल्लेखनीय है कि संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर विवाद है. उसमें से एक विवाद 2010 में लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से नगर निगम कमिश्नर को दी गई शिकायत से जुड़ा है. उसी केस में हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश दिया है.

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Last Updated : Oct 21, 2024, 3:09 PM IST

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