नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह गाजीपुर और भलस्वा डेयरियों को शहर के बाहर वैकल्पिक स्थलों पर स्थानांतरित करने की व्यवहार्यता तलाशे. उन्हें लैंडफिल साइटों के बगल में स्थित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह बहुत खतरनाक है. उच्च न्यायालय ने डेयरियों की "दयनीय और अस्वच्छ स्थिति" में सुधार के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए शहर के अधिकारियों को भी फटकार लगाई.
कोर्ट ने कहा कि वे (एमसीडी अधिकारी) सिर्फ हमें गुमराह कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि वे बच जाएंगे. आम तौर पर हम नियंत्रण और संतुलन नहीं रखते, लेकिन यहां हमने डीएसएलएसए (दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण) को इसमें शामिल होने का निर्देश दिया है. इसमें एक रजिस्ट्रार स्तर का अधिकारी शामिल है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डेयरियों को स्थानांतरित करने के पहुंचाने के लिए एमसीडी और दिल्ली सरकार इसका खर्च वहन करेगा, और कोई नहीं. इस संबंध में पीठ एक विस्तृत आदेश पारित करेगी.
कोर्ट ने आगे कहा कि आप (केंद्र) गाजीपुर और भलस्वा डेयरियों के लिए कुछ वैकल्पिक जमीन खोजें और फिर हमारे पास वापस आएं. हम उन्हें शिफ्ट कर देंगे. वे लैंडफिल के बगल में नहीं हो सकते. यह बहुत ही खतरनाक है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में वैकल्पिक भूमि की तलाश करनी होगी, जिसपर पीठ ने कहा "कहीं भी, लेकिन उचित कार्य योजना के साथ ऐसा करें."