प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि किसी महिला से शादी का झूठा वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाना प्रथम दृष्टया रेप है. इच्छा के विरुद्ध धोखाधड़ी, धमकी देकर संबंध बनाना प्रथम दुष्कर्म है. न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर यह आदेश दिया.
राघव पर आगरा के महिला थाना में 15 नवंबर 2018 को दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में एक युवती ने मुकदमा कराया था. आरोप है कि याची और शिकायतकर्ता युवती आगरा में एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलते रहते थे. युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया. इसके बाद उसके साथ संबंध बनाया. इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया. इस प्रकरण में राघव के परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे. युवती ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद राघव ने कहा कि उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे. ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई. इस दौरान राघव ने कई बार शादी का वादा कर संबंध बनाया. बाद में शादी से करने से इन्कार कर दिया. आगरा महिला थाना पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसे याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.