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''हसदेव जंगल में हो रही है पेड़ों की कटाई, गांव वालों को पुलिस ने हिरासत में लिया'': सर्व आदिवासी समाज - Hasdeo Aranya - HASDEO ARANYA

सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि ''परसा ईस्ट और केते बासेन कोल परियोजना फेस 2 के लिए पेड़ों की कटाई हसदेव में की जा रही है. सर्व आदिवासी समाज का यह भी कहना है कि ''जंगल कटाई के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया गया है.''

SARVA ADIVASI SAMAJ
पुलिस की कार्रवाई से नाराज हुए गांववाले (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2024, 7:13 PM IST

सरगुजा: मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव जंगल को लेकर फिर विवाद शुरु हो गया है. सर्व आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि ''दो कोल परियोजनाओं को शुरु करने के लिए जंगल में पेड़ों की कटाई की जा रही है.'' सर्व आदिवासी समाज ने हसदेव जंगल और पेड़ों को बचाने के लिए जंगल में पहरा देने का काम भी शुरु किया है. सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि गांव के जो लोग पेड़ों की कटाई रोकने की कोशिश कर रहे हैं उनको हिरासत में ले लिया गया .'' जंगल बचाने का आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों को उदयपुर,लखनपुर भेजा गया है.

हसदेव जंगल की कटाई का आरोप (ETV Bharat)

हसदेव जंगल की कटाई का आरोप: सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि '' हमारे लोग जंगल में देर रात पहरा देने के लिए गए हुए थे. गांव के लोग बड़ी संख्या में वहां पर पेड़ों की रक्षा करने पहुंचे. पुलिस ने बिना वजह कई लोगों को हिरासत में ले लिया. करीब 24 से ज्यादा लोग पुलिस की हिरासत में हैं. पकड़े गए लोगों के साथ बच्चे भी हैं. कई बच्चे तो दूध पीने वाले भी हैं. सभी लोगों को बसों में भरकर उदयपुर और पास के लखनपुर थाने में भेजा गया है. भारी पुलिस बल तैनात कर कोल खदान के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है.''

" हमने पेड़ काटने का आदेश डीएफओ से मांगा तो उनके पास समय नहीं है. गुरुवार देर रात से घाट बर्रा, हरिहरपुर, परसा के ग्रामीणों को पुलिस घर से उठाकर ले जा रही है, छोटे छोटे बच्चों की मां को भी ले गए हैं. आस पास के थाने, उदयपुर, लखनपुर, सीतापुर, लुंड्रा, दरिमा में ले जाकर उनको रखा गया है. कौन सा अपराध है, किस कानून के तहत जेल में डाल रहे हैं. अंतिम विकल्प तो अब यही है कि हम हथियार उठाएं.'' - अनूप प्रताप टेकाम, सर्व आदिवासी समाज


पुलिस की कार्रवाई से नाराज हुए गांववाले: गांव वालों का आरोप है कि बिना अपराध के ही कई लोगों को हिरासत में लेकर दूसरे दूसरे थानों में भेज दिया गया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अगर जंगल कटाई का काम नहीं रुका तो वो भी हथियार उठाने को मजबूर होंगे. पेड़ कटाई की खबर मिलने के बाद गांव के लोग जंगल की ओर जाने लगे हैं.


''जंगल की कटाई किए जाने की संभावना है. हम लोग जंगल की ओर जा रहे हैं. अगर जंगल की कटाई हुई तो हम उनसे जंगल काटने के लिए मना करेंगे. हम लाठी लेकर जा रहे हैं. देखते हैं क्या होता है''. - स्थानीय ग्रामीण

कोल परियोजना है विवाद के पीछे की वजह:सरगुजा और कोरबा की सीमा पर हसदेव अरण्य में कई कोल परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. कहा जा रहा है कि कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है. हसदेव जंगल के आस पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि परियोजना के नाम पर जंगल की कटाई होगी. जंगल की कटाई होने से उनका भी विस्थापन होगा. हवा और पानी दोनों प्रभावित होंगे. लंबे वक्त से कोल परियोजनाओं के खिलाफ गांव वाले एकजुट होकर प्रदर्शन करते रहे हैं. सर्व आदिवासी समाज के आंदोलन और उनके आरोपों पर फिलहाल प्रशासन का पक्ष सामने नहीं आया है.

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