करनालःहरियाणा में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. आर्गेनिक कृषि उत्पादों की मांग और कम लागत में बेहतर उत्पादन के कारण बड़ी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. बेहतर पैदावार और खेती को लाभदायक बनाने के लिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग की ओर से कई योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जा रहा है.
बिना अपनी जमीन के कर सकते हैं खेतीःकिसान चाहते हैं कि वो बिना रसायन के खेती करें ताकि उनके खेतों की सेहत बनी रही. साथ-ही-साथ कृषि उत्पाद खाने वाले लोग भी स्वस्थ रहें. इसी के चलते हरियाणा सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्राकृतिक खेती के मामले में सबसे बड़ी बात ये है कि अगर किसी किसान के पास खेती योग्य जमीन नहीं है तो वो छत पर किचन गार्डनिंग करके भी पैसा कमा सकते हैं और प्राकृतिक खेती से तैयार फल, सब्जियां स्वयं खा सकते हैं. प्राकृतिक खेती के लिए महिलाओं को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि वे घर पर खाली समय का सही उपयोग कर सकें.
क्या होती है प्राकृतिक खेतीः डॉ. करमचंद कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि "हरियाणा के किसान और महिलाएं अब प्राकृतिक खेती की तरफ रुख कर रही हैं क्योंकि खेती में रसायन का प्रयोग ज्यादा हो गया है. इससे बीमारियां के मामले भी सामने आते जा रहे हैं. ऐसे में प्राकृतिक खेती की तरफ लोग जा रहे हैं. इसमें किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं होता है."
पहले जंगलों में भी होती थी प्राकृतिक खेतीःआज से करीब 40-50 दशक पहले या फिर जंगलों में होने वाली खेती का मॉडल ही एक तरह से प्राकृतिक खेती (देसी खेती) है. प्राकृतिक खेती में सीधा बीज डालकर पैदावार ली जाती है. पैदावार लेने के लिए जीवामृत (खाद) जैसे देसी उत्पाद तैयार करके भी डाले जाते हैं और प्राकृतिक खेती ली जाती है.
प्राकृतिक तरीके से महिलाएं कर रही किचन गार्डनिंगःकुरुक्षेत्र जिला कृषि उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने बताया कि प्राकृतिक खेती पर अब हरियाणा सरकार काफी जोर दे रही है क्योंकि लोग रसायन वाली खेती करते हैं. इस कारण बीमारियां बढ़ती जा रही हैं इसी को ध्यान में रखकर अब प्राकृतिक खेती का मॉडल हरियाणा में लागू किया गया है. इसमें महिलाओं को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें वह अपने परिवार के लिए बिना रसायन के खेती कर रही है तो वहीं उससे वो आमदनी भी ले रही है.
'प्राकृतिक खेती को बढ़ावा':प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार और कृषि विभाग के द्वारा विशेष योजना 'प्राकृतिक खेती को बढ़ावा' चलाई हुई है इसी के तहत महिलाएं किचन गार्डनिंग कर रही है. महिलाओं और सामान्य किसानों को फ्री में प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दी जाती है. कृषि उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने बताया कि इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा किसानों को फ्री में प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दी जाती है. जो किसान भाई इसमें भाग लेना चाहते हैं. उनके लिए 3 दिन की ट्रेनिंग रखी जाती है जबकि महिलाओं के लिए एक दिन की ट्रेनिंग होती है. महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए उनको दिन में ही ट्रेनिंग दी जाती है. जबकि अन्य किसानों के लिए रहने और खाने का प्रबंध तीन दिन के लिए विभाग के द्वारा किया जाता है.
बिना जमीन वाले भी कर सकते हैं प्राकृतिक खेतीःकृषि उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने बताया कि जहां किसानों के लिए इस योजनाओं को शुरू किया गया है तो वहीं महिलाओं को भी इसमें काफी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. अगर किसी महिला के पास खेत नहीं है तो वो छोटी सी जगह में किचन गार्डन शुरू कर सकती है और ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो किचन गार्डन शुरू करके अपने परिवार को शुद्ध फल-सब्जियां और अनाज दे रही हैं. कई महिलाएं इससे अच्छी खासी आमदनी भी ले रही है.