चंडीगढ़: अक्सर लोग नए साल पर घूमने जाने का प्लान बनाते हैं. कुछ लोग न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए लोकल जगह को चुनते हैं तो कुछ दूर जाकर नया साल सेलिब्रेट करते हैं. अगर आपको भी घूमना पसंद है और आप परफेक्ट डेस्टिनेशन सेलेक्ट नहीं कर पा रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. अगर आप हरियाणा घूमना चाहते हो तो यहां कई ऐसे जगह हैं जो नए साल पर आपका मूड फ्रेश करने का काम करेगी. ऐसे जगहों पर जाकर आप न सिर्फ न्यू ईयर सेलिब्रेट कर सकते हैं बल्कि यहां पूरे साल आप उन जगहों की याद खूबसूरत तस्वीरों के साथ ताजा रख सकते हैं.
आइए आपको बताते हैं कि हरियाणा में कौन-कौन सी ऐसी जगह है जहां आप घूमने जा सकते हैं.
गुजरी महल:अगर आपको ऐतिहासिक जगह में घूमना पसंद है तो आप गुजरी महल जा सकते हैं. यह महल आज भी बादशाह सुल्तान फिरोज शाह तुगलक और उनकी प्रेमिका गुजरी की प्रेम कथा गुनगुनाता है. हिसार के इस गुजरी महल की इमारत भले ही आगरा के ताजमहल जैसी हो, लेकिन दोनों के निर्माण का आधार प्रेम ही था. साल 1354 में फिरोज शाह तुगलक ने अपनी प्रेमिका गुजरी के प्रेम में हिसार में गुजरी महल बनवाया था. इस महल का कोना-कोना दोनों की प्रेम कहानी बयां करता है. अगर आप कपल हैं, तो ये डेस्टिनेशन आपके लिए बेस्ट है.
बीरबल का छत्ता: ऐतिहासिक जगहों में बीरबल का छत्ता भी शामिल है. बीरबल का छत्ता हरियाणा और राजस्थान के बीच नारनौल में है, जो जिला महेंद्रगढ़ में पड़ता है.बीरबल का छत्ता राय बालमुकुंद ने बनवाया था, इसलिए इसका नाम पहले बालमुकुन्द था, लेकिन बाद में नाम बदलकर बीरबल का छत्ता रख दिया गया. बीरबल के छत्ते को रहस्यमयी माना जाता है. बुजुर्गों का मानना है कि यह एक भूतिया जगह है. कहते हैं कि यहां एक सुरंग है, जिसके रास्ते दो तरफ खुलते हैं, एक दिल्ली की ओर और दूसरा जयपुर की ओर. इस सुरंग में किसी का भी जाना मना है. कहते हैं कि इस सुरंग से कोई लौट कर नहीं आया है. यहां का स्मारक नारनौल के मुगल ऐतिहासिक स्मारकों में सबसे बड़ा है. इमारत के अंदर से पानी की निकासी, फव्वारे की व्यवस्था और भूमिगत मंजिल में प्रकाश और पानी की निकासी देख किसी का भी मन रोमांच से भर आए.
मोरनी हिल्स: इसके अलावा आप मोरनी हिल्स भी जा सकते हो. मोरनी हिल्स एक हिल स्टेशन है, जो हरियाणा में पंचकूला के बाहरी इलाके में चंडीगढ़ के पास है. हरियाणा के इस हिल स्टेशन पर लोग पिकनिक मनाने आते हैं. मोरनी हिल्स एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल भी है. यहां ठाकुर की मंदिर में 7वीं शताब्दी की नक्काशी पाई गई है. ट्रैकिंग और बर्ड वॉचिंग के लिए भी यह एक बेहतरीन जगह है. यहां दो झीलें भी हैं, जो बीच में पहाड़ी होने के बावजूद आपस में इस तरह जुड़ी हुई हैं कि दोनों में पानी का स्तर एक समान रहता है. स्थानीय लोग इस झील को शुभ मानते है.