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मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर मिल रहा 40 प्रतिशत सरकारी अनुदान, जानें कैसे मिलेगा लाभ - MUSHROOM FARMING

मशरूम न सिर्फ खाने वालों के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों के लिए लाभदायक है. कई स्तर पर सरकार इसकी खेती में मदद करती है.

Mushroom Farming
मशरूम की खेती (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 17, 2025, 11:02 PM IST

कुरुक्षेत्रःकृषि विभाग की ओर से फसल विविधिकरण पर जोर दिया जा रहा है. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य किसान इसका लाभ उठाकर ऐसी फसलें लगाए, जिससे वह अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. इसी के लिए बागवानी विभाग की ओर से मशरूम की खेती को प्रमोट किया जा रहा है. ज्यादा से ज्यादा किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके तहत प्रशिक्षण के साथ-साथ किसानों को बागवानी विभाग की ओर से मशरूम का प्लांट लगाने के लिए मोटी रकम अनुदान के रूप में दिया जाता है.

खास फसलों पर विशेष अनुदान की व्यवस्थाःकुरुक्षेत्र जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सत्यनारायण ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. किसानों को पारंपरिक खेती से बागवानी की लाभकारी फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए खास फसलों पर विशेष अनुदान दिया जा रहा है. इसी क्रम में प्रदेश के किसानों को जिलावार मशरूम प्रोडक्शन और कंपोस्ट यूनिट लगाने पर 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है.

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सत्यनारायण मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट के बारे में जानकारी देते (Etv Bharat)

मशरूम की खेती में पेस्टिसाइड का प्रयोग नहींःडॉ. सत्यनारायण ने कहा कि मशरूम के गुणकारी लाभों के चलते बाजार में इसकी मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि मशरूम का प्रयोग अब बहुत से चीजों में किया जाने लगा है. लोग पनीर की जगह मशरूम को पसंद कर रहे हैं. यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती है और इसमें किसी भी प्रकार के पेस्टिसाइड का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसलिए यह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. किसानों के बीच इसकी खेती की सही जानकारी के अभाव में यह बाजार में अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाता है. जबकि बाजार में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि जिले के किसान फसल विविधीकरण के तहत इसकी खेती को अपनाकर बाजार से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मशरूम खेती के लिए तैयारी करते मजदूर (Etv Baharat)
शेड्यूल कास्ट के कम लागत में मुनाफे की खेतीःजो किसान शेड्यूल कास्ट में आते हैं और वो मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो उनके लिए बागवानी विभाग की ओर से विशेष एससी एसटी योजना चल रही है. शेड्यूल कास्ट में शामिल लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इस योजना में मशरूम की खेती करने के लिए बांस की झोपड़ी बनाने के लिए 25,500 रुपए और जिस ट्रे में मशरूम की खेती की जाती है उसके लिए भी 25,500 अनुदान राशि शेड्यूल कास्ट के किसानों को दी जाती है. कुल मिलाकर एक किसान को 51000 दिए जाते हैं और मशरूम का एक साइट बनाने के लिए और उसमें अन्य खर्चे पर करीब 50 से 60 हजार रुपए खर्च आता है. ऐसे में यह शेड्यूल कास्ट के लोगों के लिए यह काफी अच्छी योजना है और वो कम लागत में मुनाफे की खेती कर सकते हैं.
मशरूम की खेती के लिए तैयार कंपोस्ट (Etv Baharat)
यूनिट लगाने पर मिल रहा 40 प्रतिशत का अनुदानः कुरुक्षेत्र जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सत्यनारायण ने बताया कि जो लोग मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट लगाना चाहते हैं. उनके लिए एक अलग योजना है. यह प्रोजेक्ट आधारित योजना है जिसमें मशरूम का बीज तैयार करने के लिए स्पर्म लैब लगाने के लिए 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इस प्रोजेक्ट की कीमत 15 लाख रुपए है, जिसमें 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है.
मशरूम की प्रोसेसिंग (Etv Baharat)


20 लाख रुपये में तैयार होता है एक प्रोजेक्ट यूनिटःवहीं मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट प्रोजेक्ट की कीमत 20-20 लाख रुपए निर्धारित की गई है और इस पर भी 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है. अगर कोई किसान तीनों यूनिट लगाना चाहता है तो उसके लिए भी अनुदान दिया जाता है. अगर कोई किसान इनमें से एक यूनिट लगाना चाहता है तो उसके लिए भी 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इसमें पूरे साल मशरूम की खेती की जा सकती है. इसमें किसान को बैंक से लोन अकाउंट बनवाना होगा और सरकार की ओर से जारी की गई सब्सिडी सीधे उसके लोन वाले खाते में आएगी. दो चरणों में उसके खाते में सब्सिडी के पैसे डाले जाएंगे.

प्लांट में तैयार मशरूम (Etv Baharat)
मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेना अनिवार्यः जो भी किसान इन योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य रखा गया है. सरकार के द्वारा कृषि विभाग के अलग-अलग संस्थाओं के द्वारा अलग-अलग स्थान पर मशरूम की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है जो भी व्यक्ति ट्रेनिंग लगा वही योजनाओं का लाभ ले सकता है.
मशरूम उत्पादन इकाई में काम करते मजदूर (Etv Baharat)

कैसे करें आवेदनःकुरुक्षेत्र जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि जो भी किसान इसका लाभ लेना चाहता हैं, वो विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है. अगर किसी को किसी प्रकार की समस्या है तो वो विभाग के कार्यालय में जाकर भी अधिकारी या कर्मचारी से बातचीत करके इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.

मशरूम की खेती (Etv Baharat)

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