कुरुक्षेत्रःकृषि विभाग की ओर से फसल विविधिकरण पर जोर दिया जा रहा है. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य किसान इसका लाभ उठाकर ऐसी फसलें लगाए, जिससे वह अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. इसी के लिए बागवानी विभाग की ओर से मशरूम की खेती को प्रमोट किया जा रहा है. ज्यादा से ज्यादा किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके तहत प्रशिक्षण के साथ-साथ किसानों को बागवानी विभाग की ओर से मशरूम का प्लांट लगाने के लिए मोटी रकम अनुदान के रूप में दिया जाता है.
खास फसलों पर विशेष अनुदान की व्यवस्थाःकुरुक्षेत्र जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सत्यनारायण ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. किसानों को पारंपरिक खेती से बागवानी की लाभकारी फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए खास फसलों पर विशेष अनुदान दिया जा रहा है. इसी क्रम में प्रदेश के किसानों को जिलावार मशरूम प्रोडक्शन और कंपोस्ट यूनिट लगाने पर 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है.
मशरूम की खेती में पेस्टिसाइड का प्रयोग नहींःडॉ. सत्यनारायण ने कहा कि मशरूम के गुणकारी लाभों के चलते बाजार में इसकी मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि मशरूम का प्रयोग अब बहुत से चीजों में किया जाने लगा है. लोग पनीर की जगह मशरूम को पसंद कर रहे हैं. यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती है और इसमें किसी भी प्रकार के पेस्टिसाइड का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसलिए यह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. किसानों के बीच इसकी खेती की सही जानकारी के अभाव में यह बाजार में अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाता है. जबकि बाजार में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि जिले के किसान फसल विविधीकरण के तहत इसकी खेती को अपनाकर बाजार से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
20 लाख रुपये में तैयार होता है एक प्रोजेक्ट यूनिटःवहीं मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट प्रोजेक्ट की कीमत 20-20 लाख रुपए निर्धारित की गई है और इस पर भी 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है. अगर कोई किसान तीनों यूनिट लगाना चाहता है तो उसके लिए भी अनुदान दिया जाता है. अगर कोई किसान इनमें से एक यूनिट लगाना चाहता है तो उसके लिए भी 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इसमें पूरे साल मशरूम की खेती की जा सकती है. इसमें किसान को बैंक से लोन अकाउंट बनवाना होगा और सरकार की ओर से जारी की गई सब्सिडी सीधे उसके लोन वाले खाते में आएगी. दो चरणों में उसके खाते में सब्सिडी के पैसे डाले जाएंगे.