लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उतरे हरियाणा के सरपंच, इंडिया गठबंधन को समर्थन, जानिए क्यों - Sarpanch Against BJP in Haryana
Sarpanch Against BJP in Haryana: हरियाणा में सरपंचों ने बीजेपी के विरोध का ऐलान कर दिया है. अपने कई मुद्दों और पिछली सरकार के लाठीचार्ज को लेकर नाराज सरपंच एसोसिएशन ने इंडिया गठबंधन के समर्थन की घोषणा की है. सोमवार को करनाल में हुई सरपंचों की बैठक में ये फैसला लिया गया.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उतरे हरियाणा के सरपंच
करनाल:लोकसभा चुनाव का मतदान जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, हरियाणा मेंं भारतीय जनता पार्टी का विरोध बढ़ने लगा है. बीजेपी नेताओं का विरोध किसान पहले से कर रहे हैं लेकिन अब सरपंचों ने भी विरोध का ऐलान कर दिया है. 22 अप्रैल को करनाल की जाट धर्मशाला में रणबीर समैन की अध्यक्षता में सरपंच एसोसिएशन की बैठक हुई.
करनाल में हुई सरपंच एसोसिएशन की बैठक:
करनाल में हुई सरपंच एसोसिएशन की बैठक में सरपंचों ने प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए सरकार पर पंचायतों के अधिकार समाप्त करने के आरोप लगाए.सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैन और अन्य सरपंचों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर वर्ग की मांग को लाठीचार्ज से दबाने का काम किया है. पंचायतों के अधिकार छीन लिए गये हैं, जिससे सरपंच गांव में विकास कार्य नहीं करवा पाए. अब लोकसभा चुनावों में बीजेपी और जेजेपी को सबक सिखाने का समय आ गया है. मीटिंग में एसोसिएशन के राज्य प्रतिनिधियों के साथ करनाल और पानीपत जिले के सरपंच संगठन के ब्लॉक प्रधान मौजूद रहे.
मनोहर लाल के खिलाफ करनाल में सरपंचों का डेरा:
सरपंच एसोसिएशन ने ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव में सरपंच बीजेपी उम्मीदवारों का पुरजोर विरोध करेंगे. मनोहर लाल को हराने के लिए सरपंच इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे. रणवीर समैन ने कहा कि जेजेपी तो खत्म हो चुकी है, जबकि इनेलो बीजेपी की बी टीम है. इसलिए इंडिया गठबंधन को हम समर्थन करेंगे. सरपंच बीजेपी को हराने के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को सरकार की गलत नीतियों के बारे में जानकारी देंगे. सरपंचों के विरोध का मुख्य केंद्र करनाल लोकसभा क्षेत्र रहेगा क्योंकि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी से इसलिए नाराज हैं सरपंच:
पंचायत में ई-टेंडरिंग से सरपंच नाराज हैं. साल 2023 में मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए ये ई-टेंडरिंग सुविधा शुरू की थी. इसके तहत गांव में 2 लाख रुपये से ज्यादा के विकास कार्य के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी किया जायेगा. जिस ठेकेदार को टेंडर जारी होगा उसको सरकार की तरफ से फंड जारी होगा. इसकी निगरानी पंचायत अधिकारियों के जरिए की जायेगी. यानि सरपंचों के पास केवल 2 लाख रुपये तक का काम करवाने का ही अधिकारी रहेगा. सरपंच इसी का विरोध कर रहे हैं. पिछले साल सरपंचों ने आंदोलन किया था, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. अब चुनाव आते ही ये मुद्दा फिर गरमा गया है.