चंडीगढ़: द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. लेकिन, हरियाणा सरकार द्वारा एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल या किसी अन्य पदाधिकारी से उनकी मांगों के संबंध में आज कोई संपर्क नहीं किया गया. हरियाणा सरकार ने इससे पहले हुई मीटिंग में एसोसिएशन को उनकी मांगें पूरी करने के बीच कानूनी अड़चन बताई थी. वहीं, इस बीच एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने इस दावे को महज प्रदेश सरकार का बहाना बताया है.
कोर्ट से नहीं कोई रोक, सरकार के हाथ फैसला- जयवीर चहल: पटवारी कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने ईटीवी भारत से की बातचीत के दौरान कहा कि कानूनी अड़चन जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों के संबंध में न्यायालय से किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है. जयवीर चहल के अनुसार एसोसिएशन की तीनों मुख्य मांगें स्वीकार करना और उन्हें लागू करना हरियाणा सरकार के हाथ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लैब टेक्नीशियन और एडीए संबंधी पे-स्केल पहले ही लागू है, लेकिन एसोसिएशन की मांगों के संबंध में वित्त विभाग आंकड़ों का खेल करता है.
सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर: एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि यदि हरियाणा सरकार पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन की मांगों को स्वीकार कर उन्हें लागू कर देती है तो इससे अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि एक समय की गई गणना के अनुसार सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर आएगा. क्योंकि प्रदेश भर के नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो की संख्या एक हजार से कम है. राज्य प्रधान ने प्रदेश सरकार से पुनः एसोसिएशन की सभी मुख्य तीन मांगों को तुरंत स्वीकार कर लागू करने की अपील की है.