कुरुक्षेत्र: सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब (Haryana Mange hisab) पद यात्रा शुक्रवार को पिहोवा विधानसभा में रही. यात्रा के बाद दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी पर निशाना साधा. हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होंगे. इस समय का इंतजार हरियाणा की जनता काफी समय से कर रही थी. हरियाणा की जनता में काफी खुशी है कि चुनाव की घोषणा हो गई है. चुनाव आयोग के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. भारतीय जनता पार्टी जो नॉनस्टॉप की बात कर रही थी. ये नॉनस्टॉप इस प्रकार से है कि बेरोजगारी में नॉनस्टॉप, भ्रष्टाचार में नॉनस्टॉप, लेकिन अब हरियाणा की जनता इस पर फुल स्टॉप लगाएगी.
कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब पद यात्रा: दीपेंद्र ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से हम 10 साल के कार्यकाल का इस यात्रा (Haryana Mange hisab) के जरिए हिसाब मांग रहे हैं. किस प्रकार से उनकी सरकार ने हरियाणा की जनता का शोषण करने का काम किया है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हम हिसाब मांग रहे हैं कि जो हरियाणा के किसानों और कर्मचारियों के ऊपर लाठीचार्ज किया गया है. हरियाणा में क्राइम रेट इतना ज्यादा बढ़ गया है. उसके ऊपर भी हम ही सब मांग रहे हैं. हरियाणा में बेरोजगारी भी लगातार बढ़ती जा रही है. उसके ऊपर हम हिसाब मांग रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया था, लेकिन सरकार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को सांसदों को बचाने का काम किया जा रहा है. जिन्होंने बेटियों का शोषण किया.
दीपेंद्र का बीजेपी पर निशाना: कोलकाता की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है, लेकिन हम भारतीय जनता पार्टी से सवाल कर रहे हैं कि बेटी की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. युवाओं को कच्चे रोजगार और ग्रुप डी की तहत रोजगार देने की बात सरकार कह रही है. पक्की नौकरियां क्यों नहीं दी जा रही. पोर्टल के नाम पर हरियाणा की जनता को परेशान किया जा रहा है. कहीं फैमिली आईडी, कहीं प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर हरियाणा की जनता इधर-उधर की ठोकरें खा रही है. इन्हें सभी मुद्दों पर हम भारतीय जनता पार्टी से इस यात्रा के जरिए हिसाब मांग रहे हैं और हमारी यात्रा को 1 महीने से ज्यादा ऊपर हो गया है. जिसमें हम जनसंपर्क भी कर रहे हैं और किस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने झूठ की राजनीति की है. जनता को वो बताने का भी काम कर रहे हैं.
हरियाणा के खिलाड़ियों से भेदभाव: उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा हरियाणा को कम बजट दिया गया है. टैक्स के रूप में हरियाणा के लोग ₹7 दे रहे हैं. जबकि उनका केंद्र सरकार से ₹1 मिला है और इसके साथ-साथ ही हरियाणा को खेल बजट में भी सबसे कम बजट दिया गया है. गुजरात को ज्यादा बजट दिया गया है. जबकि हरियाणा के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं और देश के लिए मेडल लेकर आते हैं. हरियाणा के खिलाड़ियों ने ऐसा क्या गुनाह किया जो वहां पर बजट कम दिया जा रहा है.