रोहतक/दादरी:हरियाणा में साल भर की मेहनत के बाद खून पसीना एक कर उगाया किसान का पीला सोना सड़क पर बिखरा पड़ा है. फसल उठान की धीमी प्रक्रिया से परेशान आढ़ती और किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी फसलों का उठान कराया जाए. इधर बरसात होने के भी आसार बने हुए हैं. यदि अब फसल भीगती है तो गेहूं और सरसों की गुणवत्ता पर भी ज्यादा असर पड़ेगा. क्योंकि पहले भी बरसात में फसलें भीग चुकी है.
सड़कों पर बिखरा अन्न: रोहतक में मदीना गांव की अनाज मंडी में जगह कम होने के कारण किसान सड़क पर ही फसल डालने को मजबूर हो रहे हैं. जिसके चलते किसानों ने करीब ढाई किलोमीटर तक सड़क पर गेहूं की फसल डाली. बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से बची हुई फसल अब सड़कों पर बिखरी पड़ी है. वहीं, किसानों का कहना है कि प्रशासन के दावे पूरी तरह से झूठे हैं और उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिले में करीब 8 अनाज मंडी है. किसानों का कहना है कि गेहूं की कटाई का समय है और मजदूर भी नहीं मिल पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोर्टल में उलझकर काफी समय बर्बाद होता जा रहा है.
प्रशासन पर गंभीर आरोप: वहीं, दादरी अनाज मंडी में अपनी फसल बेचने आ रहे किसानों की भी परेशानियां कम नहीं हो पा रही हैं. कभी टोकन के लिए तो कभी गेट पास के लिए लाइनों में लगना पड़ता है. रातभर मंडी गेट पर फसल खरीद का इंतजार कर रहे किसानों ने अपनी परेशानियां बयां करते हुए अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाये. वहीं मंडी में उठान व्यवस्था सही ढंग से नहीं होने के चलते भी आढतियों के साथ किसानों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने अधिकारियों पर एसी कमरों में बैठकर खराब माटी करने का भी आरोप लगाया.