चंडीगढ़:हरियाणा की राजनीति में हमेशा की तरह आने वाला साल भी काफी दिलचस्प होने वाला है. साल 2024 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुए और सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. खास बात यह है कि राज्य में 2025 की शुरुआत भी चुनाव के साथ ही होगी. नए साल के शुरू में ही निकाय चुनाव की जंग होगी. इसके लिए जहां राज्य चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम जारी रखा है. वहीं, सभी राजनीतिक दलों ने भी इन चुनावों के लिए अपनी तैयारियां जारी रखी हुई है. जनवरी के दूसरे हफ्ते में चुनावी तारीखों के ऐलान के भी कयास लगाए जा रहे हैं.
EVM या बैलेट पेपर कैसे होंगे चुनाव?:निकाय चुनाव की राज्य चुनाव आयोग की तरफ से तैयारियां चल रही हैं. राज्य चुनाव आयोग ईवीएम के जरिए निकाय चुनाव करवाएगा. इस बात की लेकर चुनाव आयुक्त धनपत सिंह मीडिया में भी बयान दे चुके हैं. राज्य चुनाव आयोग को लोकसभा और विधानसभा में प्रयोग की गई ईवीएम इसके लिए मिली है. बताते चलें कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने कुछ समय पहले कहा था कि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है. वे निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की बात कह रहे थे. लेकिन राज्य चुनाव आयोग को इस संबंध में किसी राजनीतिक दल का कोई पत्र अभी तक नहीं मिला है. वहीं, चुनाव ईवीएम से होगा, यह भी तय नजर आ रहा है. हालांकि साफतौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
कितने चरणों में होंगे चुनाव?:हरियाणा में निकाय चुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव दो चरणों में हो सकते हैं. जिसमें पहले फरीदाबाद, गुरुग्राम और मानेसर के चुनाव होंगे. इसके साथ ही अंबाला मेयर चुनाव और सोनीपत मेयर चुनाव होगा. क्योंकि अंबाला और सोनीपत के मेयर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं. वहीं, दूसरे चरण में हिसार, रोहतक नगर निगम के चुनाव होंगे. जबकि पानीपत, यमुनानगर और करनाल में चुनाव दूसरे चरण में होंगे.
राज्य चुनाव आयोग की तैयारी तेज:हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले प्रदेश चुनाव आयोग ने मेयर पद के लिए नगर निगमों में रिजर्वेशन तय कर दिया है. जिसके तहत गुरुग्राम नगर निगम का मेयर पद BC-A वर्ग के लिए रिजर्व है. फरीदाबाद निगम सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है. वहीं, रोहतक और यमुनानगर को एससी (महिला) कैटेगरी के लिए रिजर्व किया गया है. जबकि 4 नगर निगम हिसार, पानीपत, करनाल और मानेसर किसी भी वर्ग का व्यक्ति मेयर पद का चुनाव लड़ सकता है. वहीं, इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग 6 जनवरी तक अंतिम मतदाता सूची जारी करने की तैयार की योजना पर काम कर रहा है. ताकि चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी न हो.
राजनीतिक दल भी तैयारियों में जुटे:इन सबके बीच राजनीतिक दलों की निकाय चुनावों की तैयारियां भी जोरों पर चल रही है. इसमें बीजेपी सबसे सक्रिय दिखाई दे रही है. निकाय चुनावों को देखते हुए पार्टी संगठनात्मक नियुक्तियां तेजी से कर रही है. बीजेपी हर हाल में निकाय चुनावों में विधानसभा की जीत के मोमेंटम को बरकरार रखना चाहेगी. हालांकि ये तो वक्त ही बताएगा, कि निकाय चुनाव में कौन सी पार्टी बाजी मारेगी. बीजेपी वैसे भी नगर निगम चुनाव सिंबल पर लड़ती है. ऐसे में पार्टी सभी चुनाव वाले निगमों में उसका मेयर बनाने के लिए रणनीति बना रही है. पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल पहले ही कह चुके हैं कि बीजेपी निकाय चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है.
चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार: इधर कांग्रेस पार्टी भी निकाय चुनाव को लेकर आगे बढ़ती नजर आ रही है. हालांकि, इन सबके बीच प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने जो जिला प्रभारियों की सूची जारी की थी, उस पर पार्टी प्रभारी दीपक बावरिया ने रोक लगा दी थी. बावजूद इसके पार्टी निकाय चुनाव को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं. इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि पार्टी निकाय चुनावों को लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर ही लड़ती है. बाकी पर पार्टी रणनीति बनाएगी.