नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी हरिओम राय को जमानत दे दी है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने हरिओम राय को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली-एनसीआर छोड़कर नहीं जाएंगे और अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे. जमानत के दौरान आरोपी गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेगा. कोर्ट ने कहा कि आरोपी जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपबल्ध कराएगा और ट्रायल के दौरान हमेशा उपलब्ध रहेगा.
ट्रायल पूरा न होने के कारण जमानत:कोर्ट ने कहा कि आरोपी 10 अक्टूबर 2023 से हिरासत में है. और ट्रायल पूरा होने में वक्त लगेगा. अभी तक इस मामले में आरोप भी तय नहीं हुए हैं. इस मामले में सात आरोपियों में से तीन आरोपियों की गिरफ्तारी को ट्रायल कोर्ट गैरकानूनी करार दे चुका है. इस मामले के तीन दूसरे आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 3 अक्टूबर को ईडी को नोटिस जारी किया था.
हरिओम और वीवो के सीईओ के बीच बातचीत असफल रही थी:सुनवाई के दौरान हरिओम राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा था कि हरिओम राय की वीवो के सीईओ से 2013 में मुलाकात हुई थी. मुलाकात में संयुक्त उपक्रम लगाने पर बात हुई थी लेकिन वो बातचीत असफल रही थी. उन्होंने कहा था कि हरिओम राय की पुरानी बातचीत को किसी गड़बड़ी से नहीं जोड़ा जा सकता है, खासकर तब जब भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है.
2022 में वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर छापा:बता दें कि फरवरी में हाईकोर्ट ने हरिओम राय को स्वास्थ्य के आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी. उसके पहले 18 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट हरिओम राय की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. ईडी ने इस मामले में 2022 में देश भर में फैले वीवो कंपनी के 48 जगहों पर छापा मारा था. ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था.