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क्या होती है हलहारिणी अमावस्या? कंफ्यूजन करें दूर, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि - Halharini Amavasya

Halharini Amavasya Importance: हलहारिणी अमावस्या को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई है. यह दिन किसानों के लिए खास है. ऐसे में इस दिन पूजा करने का महत्व और विधि के बारे में सभी को जानन चाहिए. पढ़ें पूरी खबर.

हलहारिणी अमावस्या
हलहारिणी अमावस्या (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 5, 2024, 8:22 AM IST

Updated : Jul 5, 2024, 9:52 AM IST

पटनाः आषाढ मास में पड़ने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है. किसानों के लिए यह शुभ दिन माना जाता है. यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ मास में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है. फसल की बुवाई के लिए यह समय उत्तम होता है. इसे आषाढी अमावस्या भी कहा जाता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि आषाढ अमावस्या को लेकर के लोगों में कंफ्यूजन है.

"5 जुलाई को सुबह 4:50 से प्रारंभ होगी और 6 जुलाई को सुबह 4:25 तक रहेगी. 5 जुलाई को स्नान और दान किया जाएगा. इस दिन को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं. इस दिन हल पूजन इसी बात का प्रतीक है. इसे मनाने का उद्देश्य है कि किसी भी शुभ काम का आरंभ भगवान की आराधना पूजन और धन्यवाद करते हुए आरं भ करना चाहिए."-आचार्य मनोज मिश्रा

फसल से संबंधि यह पूजाः आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि इस दिन किसान विधि विधान से हल पूजन करके ही हरी-भरी फसल बनी रहे इसके लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं. भगवान से प्रार्थना किया जाता है कि घर में अन्न धन की कमी ना हो. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि इस दिन पितृ निवारण के लिए भी उपाय करने का दिन है. इस दिन स्नान और दान का महत्व है. पितरों को ध्यान करते हुए हाथ में गंगाजल लेकर पितरों को अर्पित करें. उनका नाम लेकर नदी या तालाब में अर्पित करना चाहिए.

आराधना के लिए बेहद खासः आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया किभगवान गणेश, लक्ष्मी, विष्णु भगवान सहित सभी देवताओं का आवाहन करना चाहिए. उसके बाद पितरों को धूप देने के लिए गाय की गोबर आम की लकड़ी से हवन करके भगवान की आरती उतारनी चाहिए. इस दिन का यह बेहद खास महत्व रखता है.

अमावस्या के दिन क्या-क्या करें?शुद्ध जल से अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद आटा की गोलियां बनाकर किसी तालाब या नदी में जाकर के आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें. इस उपाय से जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो जाता है. अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है. भूखे को भोजन करने से आपको कभी अन्न धन की कमी नहीं होगी. इस दिन रुद्राभिषेक पितृ दोष शांति पूजन और शनि उपाय करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे.

मिलेगी नौकरीः मनोज मिश्रा ने बताया कि बेरोजगार व्यक्ति अगर अमावस्या की रात रोजगार के लिए पूजा पाठ करेंगे तो उनकी मनोरथ पूर्ण होगी. नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रख दें. फिर रात के समय में इसे सात बार बेरोजगार व्यक्ति के सर से उतार लें. चार बराबर भागों में काट ले. फिर एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसे फेंक दें. इस उपाय से बेरोजगार व्यक्तियों को लाभ की संभावना बनती है.

मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्नः जिस व्यक्ति को कालसर्प का दोष उन व्यक्तियों को अमावस्या के दिन किसी अच्छे पंडित से अपने घर में शिवपूजन एवं हवन करवाना चाहिए. शाम के समय में घर के ईसान कोन में गाय के घी का दीपक जलाएं. बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें और साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें. यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है. अमावस्या वाली रात्रि को पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दिए बहती नदी के पानी में छोड़े. इस उपाय से धन का लाभ प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे.

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Last Updated : Jul 5, 2024, 9:52 AM IST

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