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जानें कब है हलहारिणी अमावस्या, ज्योतिष ने बताए राशियों से ग्रह दोष दूर करने के उपाय, पितरों की पूजा का भी है खास महत्व - Halharini Amavasya 2024

Halharini Amavasya 2024: हिंदू धर्म में हलहारिणी अमावस्या का खास महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अचर्ना करने से कार्य में सफलता मिलती है. ज्योतिष के अनुसार इस दिन पितरों की पूजा का खास महत्व है. इस दिन स्नान और दान करने का भी खास महत्व बताया गया है. जानें कब है हलहारिणी अमावस्या और कैसे करें इस दिन पूजा-अर्चना

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 4, 2024, 6:00 PM IST

Halharini Amavasya 2024
Halharini Amavasya 2024 (ETV BHARAT)

पानीपत:हलहारिणी अमावस्या कल यानी 5 जुलाई को है. इस दिन किसी मंदिर या तीर्थ स्थल के दर्शन और पवित्र नदियों में स्नान करने का खास महत्व है. हालांकि अभी बरसात का मौसम है और नदी-नाले उफान पर है. इसलिए इस दिन सावधानी बरत कर नदियों में स्नान करने से बेहतर है कि घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. मशहूर ज्योतिष योगेश पुष्करणा बताते हैं कि अमावस्या पर पूजा-पाठ करने के साथ ही दोपहर में अपने पितरों के लिए पूजा करनी चाहिए.

पूजा का विधि विधान:अमावस्या के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. सबसे पहले गणेश जी की पूजा वंदना करें. गणेश वंदना के बाद शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं. बेल पत्र और फूल से श्रृंगार करें. मिठाई का भोग लगाएं. ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. दीपक जलाकर आरती करें. उसके पश्चताप विष्णु भगवान और माता महालक्ष्मी की पूजा करें.

पितरों के लिए करें पूजा: दोपहर में पितरों को धूप देने के लिए गाय के गोबर से बने उपले जलाने और सुलगने के बाद गुड़ घी डालकर धूप दें. पितरों का ध्यान करते हुए हाथ में गंगा जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को अर्पित करें. शाम के समय घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें. लड्डू का भोग लगाएं. माता लक्ष्मी और विष्णु जी की धूप-दीप जलाकर पूजा आरती करें. आखिर में हनुमान जी मंदिर में दीपक जलाएं और सुंदरकांड के साथ राम नाम का जाप भी कर सकते हैं. योगेश पुष्करणा बताते हैं कि इन दिनों विशेष पूजा करने से राशियों से ग्रह दोष दूर होता है.

राशि के अनुसार ऐसे करें पूजा:सबसे पहले बात करते हैं वृषभ और तुला राशि के लोगों की, इन जातकों को इस दिन शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए और ऊँ शुक्राय नमः मंत्र का जप करना है. इस दोनों राशियों का स्वामी शुक्र ग्रह है और शुक्र की पूजा शिवलिंग के रूप की जाती है. शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं. बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल चढ़ाएं. दूध से बनी मिठाई का भोलेनाथ को भोग लगाएं.

मेष और वृश्चिक राशि के लोग भी शिवलिंग की पूजा करें. इन दोनों राशियों के स्वामी मंगल ग्रह है. मंगल ग्रह की पूजा भी शिवलिंग रूप में होती है. पूजा के समय मंगल ग्रह के मंत्र ऊँ अं अंगारकाय नमः मंत्र का जप करें.

मिथुन और कन्या राशि:इन राशियों का स्वामी ग्रह बुध है. बुध ग्रह के दोष दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा भी कर सकते हैं. बुध ग्रह की पूजा में 'ऊँ बुधाय नमः मंत्र का जप करें. इस ग्रह के लिए हरे मूंग का दान करें.

धनु और मीन राशि: के लोग शिवलिंग की पूजा करे इन दो राशियों का स्वामी गुरु ग्रह है. इन राशि के लोग शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाएं. पीले फूलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें. ऊँ गुरुवे नमः मंत्र का जप करें.

मकर और कुंभ राशि: के लोगों को अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. ये दोनों राशियां शनि ग्रह के स्वामित्व वाली हैं. शनिदेव का तेल से अभिषेक करें. ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जप करें. तेल का दान करें.

सिंह राशि:इस राशि के स्वामी सूर्य देव हैं. इन लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य चढ़ाकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए. सूर्य को जल चढ़ाते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करना चाहिए.

कर्क राशि: के लोग शिवलिंग के साथ चंद्र देव की पूजा करें. जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें. चंद्र के लिए दूध का दान करें. ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें.

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