देहरादून:राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विभाग की ओपीडी में श्वांस,निमोनिया,अस्थमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा बच्चों में एच 1 एन 1 सब टाइप पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू को प्रेजेंट करता है.डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Feb 24, 2024, 12:57 PM IST
|Updated : Mar 16, 2024, 6:15 PM IST
दून हॉस्पिटल में एच1एन1 पॉजिटिव स्वाइन फ्लू के सात बच्चे, एक भर्ती और अन्य ठीक होने पर डिस्चार्ज
Doon Medical College Hospital दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चच्चों में इनफ्लुएंजा ए सब टाइप की जांच की गई तो इनमें से सात बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं. जिनमें से एक बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिड किया गया है, जबकि अन्य बच्चों के ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. साथ ही डॉक्टर इस बीमारी में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.
दून अस्पताल की बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक के मुताबिक भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में आने वाले बच्चों के स्वाइन फ्लू के टेस्ट किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों में इनफ्लुएंजा ए सब टाइप की जांच की गई तो इनमें से सात बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल एक बच्चा अस्पताल में एडमिट है, जबकि एच1एन1 सब पॉजिटिव पाए गए अन्य बच्चों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है और सामान्य सावधानी बरतने पर इससे बचा जा सकता है.
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उन्होंने बताया कि ज्यादातर पेरेंट बच्चे में श्वास की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा मुख्य रूप से निमोनिया और वायरल से पीड़ित बच्चे अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे हैं. डॉ अशोक ने बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को सभी टीके लगाने की सलाह दी है, जो सरकार की तरफ से निशुल्क लगाए जाते हैं. इसके साथ ही बच्चों को पौष्टिक आहार दें और बाहर की चीजें ना खिलाएं. घर से बाहर जाते समय बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं, कोशिश करें कि बच्चों को ठंडी हवा ना लगे, विशेष कर पहाड़ों में आने जाने वाले स्कूटी और बाइक चालक विशेष एहतियात बरतें, ताकि बाइक स्कूटी में बैठे बच्चों को कम से कम ठंड लगे. डॉक्टर के अनुसार इन सब सावधानियों को बरत कर बच्चों को बीमारी से दूर रखा जा सकता है.