ग्वालियर: केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को ग्वालियर पहुंचे. यहां आयोजित आरोग्य भारती संस्था के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित हुई सभा को संबोधित किया. केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए.
सिंधिया ने बताए तरक्की के 2 मूल मंत्र
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल से की है. उन्होंने बताया कि जिन्होंने कंप्यूटर के लिए इंटेल की चिप का निर्माण किया वह महान शख्सियत हमारी क्लास लिया करते थे. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उस समय उस कोर्स का आखिरी क्लास लेक्चर उन्होंने पढ़ाया नहीं बल्कि बोर्ड पर दो सेंटेंस लिखे. उन्होंने कहा उनके जाने के बाद इन्हें पढ़ लेना. हम सभी ने उनके जाने के बाद उन सेंटेंस को पढ़ा. वे जीवन के दो महत्वपूर्ण मूलमंत्र थे. पहला था-"परिवर्तन ही मूल मंत्र है विश्व का" और दूसरा-"जीवन में भयभीत रहने वाला व्यक्ति ही आगे बढ़ता है". सिंधिया ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार हम अपनी संस्था में अपनाएं. यह दोनों मूलमंत्र अपनाने से हम जनसेवा को आगे ले जा सकते हैं.
'देश के विकास में संस्था देती रहे योगदान'
कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि उन्हें इस संस्था में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. ये वो संस्था है जो पूरे भारत में कार्य कर रही है. जितनी प्रशंसा हम करें वह कम है. इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर मैंने संस्था को अपने कुछ सुझाव दिए हैं. मेरी यही एक आशा और अभिलाषा है देश के विकास और प्रगति में यह संस्था सेवा और सामाजिक योगदान देती रहे.