ग्वालियर। इन दिनों सतर्कता के बावजूद कई लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते हैं. ये साइबर ठग अपनी जड़े अब हर जगह फैला रहे हैं. पिछले दिनों ग्वालियर में कॉल सेंटर के जरिए विदेशियों को ठगने का मामला सामने आया था. अब इस गैंग के बारे में इन्वेस्टीगेशन करने अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट एजेंसी की एक टीम ग्वालियर पहुंची है. ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर जांच एजेंसी टीम ने ठग गिरोह के बारे में एसपी से इनपुट लिया और अब वहां पुलिस के साथ मिलकर जांच टीम आरोपियों से भी पूछताछ करेगी.
माइक्रोसॉफ्ट एम्प्लोयी बनकर विदेशों में ठगी
गिरफ्तार सातों लोग माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारी बनकर अमरिका के लोगों को फोन कर उनके कंप्यूटर्स में वायरस होना बताकर फंसाते थे. गिरफ्तार फ्रॉडस्टर से पता चला है कि वे लोग अमेरिका के लोगों के नंबर दुबई में बैठे सरगना मोती सिकरवार को वॉट्सऐप ग्रुप पर मुहैया कराता था.
कमीशन पर ठगी, दुबई से आता था हवाला से पेमेंट
हर कॉल पर टीम मेंबर को कमीशन के रूप में 5 परसेंट मिलता था. जिसका पेमेंट हवाला के जरिए किया जाता था. ऐसे में ज्यादा पैसा कमाने के लिए गैंग के सदस्य दनादन फोन लगाते थे. एक बार जो फंसता था, उससे कम से कम 1500 डॉलर ऐंठते थे और ठगी की रकम सीधे दुबई में मोंटी सिकरवार के खाते में पहुंचती थी. उसे भुगतान गिफ्ट कार्ड के जरिए होता था.
आरोपियों से मिले हैं 5 हजार मोबाइल नंबर
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस को यह भी पता चला है कि गैंग का सरगना मोंटी इसके अलावा करण गैंग को भी ऑपरेट करता था. उसने ही कॉल सेंटर में काम करने का हवाला देकर टीम तैयार की थी. जो अब तक पुलिस की पहुंच से दूर है और करण को धंधे के सारे राज पता है. यह गैंग विदेशियों से ठगा पैसा इंडियन करेंसी में बदलने का काम भी करती थी. उनके पास करीब 5 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबर मिले हैं.