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"जातिगत जनगणना सार्क देशों का मुद्दा" नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री भी समर्थन में - DEMAND CASTE CENSUS

नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने कहा "सार्क देशों का ओबीसी महासम्मेलन काठमांडू में होगा." उन्होंने जातिगत जनगणना का समर्थन किया.

Demand Caste census
नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 5:49 PM IST

ग्वालियर :नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान शनिवार को ग्वालियर पहुंचे. यहां पर ओबीसी महासभा के नेताओं के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने भारत में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग का समर्थन किया. विश्वेंद्र पासवान ने कहा"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए कैबिनेट से बिल पास करना चाहिए. सामाजिक न्याय के लिए जरूरी है कि देश में जाति का जनगणना कराई जाए." उन्होंने जातिगत जनगणना को सार्क देशों का मुद्दा बताया.

काठमांडू में आयोजित होगा सार्क देशों का सम्मेलन

पासवान ने कहा"कांशीराम और शरद यादव भी जातिगत जनगणना के पक्षधर थे. नेपाल के काठमांडू में सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और एक सुर में सभी भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे. यह सम्मेलन फरवरी के महीने में नेपाल के काठमांडू में आयोजित किया जाएगा." इस दौरान उन्होंने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा "हिंदुओं की एकता की बात करने वाले बाबाजी के विचार का स्वागत है, लेकिन उन्हें अपने अंदर की गैर बराबरी की मानसिकता को दूर करना चाहिए. क्योंकि मानव अधिकार की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है."

सार्क देशों का ओबीसी महासम्मेलन काठमांडू में होगा (ETV BHARAT)

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का विरोध

विश्वेंद्र पासवान ने कहा "जातिगत जनगणना अकेला भारत का मुद्दा नहीं है, हम लोग काफी समय से मंडल आयोग के सवाल उठा रहे हैं. हम 1972 से एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. संविधान तैयार होने से पहले भी सामाजिक न्याय की बात बाबा साहब अंबेडकर ने की. इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से यह मांग करते हैं जाति जनगणना कराई जानी चाहिए." उन्होंने बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं पर हिंसा को लेकर कहा "वहां पर हिंदुओं पर हिंसा बंद की जानी चाहिए. सभी को समानता के साथ जीने का अधिकार है. इसलिए बांग्लादेश में हिंदुओं को भी समानता के साथ जीने का पूर्ण अधिकार है. हिंदू एक जात नहीं है एक संस्कार है. इसलिए संस्कारों को सम्मान मिलना चाहिए.

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