रामनगर:विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकुली क्षेत्र के रहने वाले वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल का वनों और वन्यजीवों से प्रेम देखते ही बनता है. संजय छिम्वाल ने कॉर्बेट पार्क और आसपास के क्षेत्र में पाए जाने वाले वन्यजीवों की तस्वीरें पत्थरों पर उकेरकर इन निर्जीव पत्थरों में जान फूंक दी है. वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल 2 हजार से ज्यादा पत्थरों पर तस्वीर बनाकर वनों और वन्यजीवों के संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.
कॉर्बेट पार्क में वरिष्ठ नेचर गाइड के पद पर तैनात हैं संजय छिम्वाल:बता दें कि रामनगर शहर से 10 किलोमीटर दूर ढिकुली क्षेत्र के रहने वाले वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कॉर्बेट नेशनल पार्क में वरिष्ठ नेचर गाइड के पद पर तैनात हैं. संजय छिम्वाल कोसी नदी में बरसात में बहकर आने वाले छोटे-छोटे अलग-अलग आकृतियों के पत्थरों को जमा करते हैं. जिस पर वे पार्क में पाए जाने वाले हाथी, बाघ, भालू, गुलदार, पक्षी, जीव जंतु, तितलियां आदि की तस्वीरें पत्थरों पर बनाते हैं.
8 सालों से पत्थरों पर उकेर रहे कलाकृति:खास बात ये है कि संजय इन पत्थरों को बेचते नहीं है. वे केवल इनका प्रदर्शन करते हैं. उन्होंने पिछले 8 सालों में कॉर्बेट पार्क के वनों और वन्यजीवों के साथ ही हिंदू धर्म के देवी देवताओं की तस्वीरें पत्थरों पर उकेरी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि उन्हें वन्य जीवों से बेहद प्रेम है, जिस वजह से वे उनके संरक्षण को लेकर लगातार लोगों को जागरूक करते हैं.
ऐसे आया पत्थरों के ऊपर कलाकृति करने का आइडियासंजय कहते हैं कि जब बरसात में पर्यटकों की सुरक्षा के चलते कॉर्बेट पार्क में जंगल सफारी बंद होती है, तब उस समय उनके पास काफी समय होता है. बरसात में कोसी नदी में छोटे-छोटे गोलाकार पत्थर बहकर आ जाते हैं. इनमें कुछ विशेष पत्थर भी बहकर आते हैं, जो छोटे और विशेष आकृति के गोलाकार, अंडाकार, चपटाकार होते हैं, जिन्हें देखकर उनके मन इन पत्थरों के ऊपर कलाकृति करने की सूझी और चित्रकारी शुरू कर दी.