इंदौर. आज कल हर कोई सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट करना चाहता है पर कर नहीं पाता. बैंक खाते में रखकर या किसी अन्य स्कीम में अपनी मेहनत का पैसा लगाने का जोखिम हर कोई नहीं उठाता. बात करें म्यूचुअल फंड्स और शेयर मार्केट में निवेश करने की तो इसे आसानी से समझना हर किसी के बस की बात नहीं. ऐसे में एक ऐसी स्कीम बच जाती है जिसमें आम आदमी आसानी से इन्वेस्ट कर हर महीने गारंटेड इनकम हासिल कर सकता है. ये स्कीम है भारतीय पोस्ट ऑफिस की, जिसे ऑफिस स्कीम भी कहते हैं.
डाक विभाग की शानदार योजना है POMIS
आज भले ही बड़े बड़े बैंक या निवेशक अपनी स्कीम्स के जरिए आम आदमी को लुभाने का प्रयास करते हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस आज भी निवेश के मामले में भरोसेमंद है. भारतीय डाक विभाग तमाम ऐसी योजनाएं संचालित करता है जहां आम आदमी अपने धन के निवेश को सुरक्षित मानता है. साथ ही यहां रिटर्न मिलने की गारंटी होती है. पोस्ट ऑफिस की ऐसी ही एक बेहतरीन स्कीम है POMIS (Post Office Monthly Income scheme) जिसका अर्थ है पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना. इस योजना के नाम से ही आपको समझ आ गया होगा कि इसका लाभ कैसे मिलेगा.
एक हजार रुपए से कर सकते हैं निवेश
दरअसल, पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना के तहत कोई भी व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में निवेश कर सकता है, यह निवेश न्यूनतम 1 हजार रुपए से लेकर 9 लाख रुपए तक हो सकता है. हालाकि जॉइंट अकाउंट के रूप में अधिकतम 15 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. यह वन टाइम डिपॉजिट यानी एक साथ जमा की गई राशि के रूप में मान्य होता है. जिसकी कुल अवधि पांच वर्ष तय है.
समझिए योजना का पूरा गणित
POMIS में निवेशक को राशि पर 7.4 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज मिलता है लेकिन यह ब्याज निवेश करने वाले को हर महीने भुगतान किया जाता है. यानी 7.4 प्रतिशत की सालाना राशि को 12 हिस्सों में विभाजित कर हर महीने दिया जाता है. इस तरह यह स्कीम निवेशक को मासिक आय उपलब्ध कराती है. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति POMIS में 5 लाख रुपए इन्वेस्ट करता है, तो अगले पांच वर्षों तक उन्हें हर महीने ब्याज के तौर पर 3083 रुपए मिलते रहेंगे. वहीं जब इस योजना की समय अवधि यानी पांच वर्ष पूर्ण हो जाएंगे तब उन्हें उनके द्वारा निवेश की गई मूल राशि 5 लाख रुपए वापस मिल जाएगी. इस तरह इस पूरी समयावधि में उनकी एक तय मासिक आय होगी.
डिस्क्लेमर- इस लेख को एक जानकारी के तौर पर लें. किसी भी योजना में निवेश से पहले संबंधित व्यक्ति/संस्था/विभाग से पहले संपूर्ण जानकारी लें. आपके द्वारा लिये गए निर्णयों के लिए ईटीवी भारत जिम्मेदार नहीं होगा.