कैथल: एक तरफ हरियाणा सरकार प्राण वायु देवता योजना के तहत हरे पेड़ों को पेंशन दे रही है. ताकि लोग पेड़ों का संरक्षण कर सके. वन विभाग के जिन अधिकारियों के कंधों पर पेड़ बचाने की जिम्मेदारी है. वो अधिकारी सरकार की इस योजना को पलीता लगाने में जुटे हैं. विकास निगम कुरुक्षेत्र के कुछ कर्मचारियों अपनी काली कमाई करने के लिए सूखे पेड़ काटने की आड़ में हरे भरे पेड़ों की जड़ों में आरी चला दी.
कैथल में काटे जा रहे हरे पेड़: मामला सीवन से फिरोजपुर रोड पर खड़े सफेदे के सेकड़ों पेड़ों को काटने का है, जहां निगम के कर्मचरियों ने सूखे पेड़ों के साथ हरे पेड़ों को भी काटा जा रहा है. ये कटाई कई दिनों से चल रही है. हालांकि वन विभाग कैथल की तरफ से अपनी सफाई में कहा जा रहा है कि प्रत्येक वर्ष जिले की विभिन्न सड़कों पर खड़े सूखे पेड़ों की निगम द्वारा कटवाई करवाई जाती है.
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे पेड़ भी होते हैं. जो सड़क पर झुके होने के कारण राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, इसलिए इनको काटने के लिए विभाग से बकायदा अनुमति भी ली जाती है, वहीं फिरोजपुर के ग्रामीणों ने कहा कि इस बार विभाग द्वारा सूखे पेड़ों की आड़ में हरे पेड़ों की भी बलि दी जा रही है. काटे गए अधिकतर पेड़ हरे और स्वस्थ हैं, जिनमें कुछ पेड़ तो बहुत ज्यादा मोटे हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि निगम के कर्मचारी लालच के कारण सूखे पेड़ों के साथ हरे पेड़ों को भी काट रहे हैं.
ऐसे होता है काली कमाई का पूरा खेल: दरअसल सूखे पेड़ों की बजाय हरे पेड़ों में वजन ज्यादा होता है. वजन ज्यादा होने के कारण उनको बेचते समय दाम भी अधिक मिलते हैं. जहां सूखे पेड़ अधिक होते हैं. वहां ये कटाई नहीं करते, क्योंकि उन सूखे पेड़ों में वजन कम होता है. इसलिए जहां उनको फायदा होता है. वहीं पर ये सूखे पेड़ों की आड़ में हरे पेड़ों को काटते हैं. जब सड़कों पर सूखे पेड़ रह जाते हैं.