जयपुर.पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं करने और ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार के मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य की भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ओडवाड़ा मामले में कांग्रेस की चार सदस्यों की एक कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी. उसके आधार पर इस मामले में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा से सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से पूर्व राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. कमला को राजकीय सम्मान नहीं दिया गया या फिर उनसे बड़ी चूक हुई है.
सीएम पर डोटासरा का बड़ा हमला :उन्होंने कहा कि गुजरात की राज्यपाल रहते डॉ. कमला ने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया था. इसीलिए उनका दूसरे राज्यों में तबादला किया गया था. डोटासरा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि डॉ. कमला बेनीवाल 11 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन में शामिल हुई थी. मंत्री और उप मुख्यमंत्री बनी. गुजरात के साथ ही दो अन्य राज्यों की राज्यपाल भी रही. ऐसी महिला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया गया. यह राजस्थान सरकार की बड़ी भूल है.
डॉ. कमला को राजकीय सम्मान देने में कहां दिक्कत :डोटासरा ने कहा कि हमारे राजस्थान की परंपरा रही है. पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत को राजकीय सम्मान दिया गया. उनके स्मारक के लिए निशुल्क जमीन दी गई. पंडित नवल किशोर शर्मा भी गुजरात के राज्यपाल रहे. उनको भी राजकीय सम्मान दिया गया तो फिर कमला बेनीवाल को राजकीय सम्मान देने में दिक्कत कहां आई. बकौल डोटासरा, कलेक्टर ने उन्हें बताया कि पूर्व राज्यपाल के तौर पर राजकीय सम्मान देने का निर्णय सरकार को करना था और उन्होंने इस बारे में समय रहते जानकारी भी दी थी. सीएम खुद पुष्पांजलि देने गए थे. फिर भी राजकीय सम्मान नहीं दिया गया. यह राजनीतिक परिपक्वता नहीं है.
मोदी से विवाद रहा था चर्चा में :डोटासरा ने कहा कि सीएम को किसी ने सलाह दी होगी कि डॉ. कमला को राजकीय सम्मान दिया तो पीएम मोदी नाराज हो जाएंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने (कमल बेनीवाल) ने राज्यपाल रहते उसूलों से समझौता नहीं किया था. हालांकि, बाद में उनका स्थानांतरण कर दिया गया था और उन्हें दूसरी जगह भेजा गया. नरेंद्र मोदी से उनका विवाद काफी चर्चा में रहा था तो क्या मुख्यमंत्री (भजनलाल शर्मा) मोदी से डर गए ? यह बड़ा प्रश्न है. उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. कमला की याद को चिर स्थाई रखने का कोई फैसला लेकर सरकार पश्चाताप कर सकती है.