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अखिलेश यादव बोले- यूपी के टॉप टेन माफियाओं की लिस्ट जारी करे सरकार, मुख्यमंत्री ने अपने मुकदमे खुद वापस लिये - Akhilesh Yadav blames CM Yogi

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी में माफिया होने की बात करते हैं, तो एक तरफ मुख्यमंत्री की तस्वीर रख ली जाए और दूसरी तरफ मेरी तस्वीर लगा ली जाए. सरकार यूपी के टॉप टेन माफियाओं की लिस्ट जारी करे.

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Sep 19, 2024, 7:40 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बयानबाजी जारी है. गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी में माफिया होने की बात करते हैं, तो एक तरफ मुख्यमंत्री की तस्वीर रख ली जाए और दूसरी तरफ मेरी तस्वीर लगा ली जाए.

सबको पता चल जाएगा कि माफिया कौन लगता है. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा माफिया किस पार्टी में हैं, सभी को पता है. मेरी मांग है कि सरकार प्रदेश के टॉप टेन माफिया की सूची जारी करे. मुख्यमंत्री ने अपने मुकदमे खुद वापस लिए हैं. इस दौरान बहराइच में भेड़ियों के हमले में मृतक परिवारों के साथ ही घायल हुए पीड़ितों से भी अखिलेश यादव ने मुलाकात की. पार्टी की तरफ से मृतकों के परिवारों को 50,000 रुपये और घायलों को 25,000 रुपये के चेक दिये गये.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बोले कि सरकार पीड़ितों की मदद नहीं कर रही है, इसलिए समाजवादी पार्टी उनकी मदद कर रही है. चुनाव में देश के पीएम ने कहा था कि यूपी में जानवरों की समस्या का समाधान हो जाएगा. यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद जानवरों का आतंक बढ़ा है. विधानसभा में सपा ने सरकार को जगाने की कोशिश की. हर रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं. लोगों की जान जा रही है.

लगातार लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है. जानवरों के हमले में मौतों को सरकार छिपा रही है. एक बच्चे की डेड बॉडी नहीं मिली, तो सरकार उस परिवार की मदद नहीं कर रही है. हमारी मांग है कि सरकार मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दे. सरकार मदद करने में भी भेदभाव कर रही है. जंगल की कटान रुकनी चाहिए जो अधिकारी जानवरों के हमले रोक नहीं पा रहे, उन पर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की.

अखिलेश ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भेड़ियों की समस्या का समाधान सरकार जल्द खोजेगी. एसटीएफ को नया काम दिया जाना चाहिए कि गीदड़ों को ठोक दें. एसटीएफ को भेड़ियों को ठोंकने का नया टास्क देना चाहिए. मैंने अपने संतों और महंतों के बारे में कुछ नहीं कहा. वे मठाधीश हैं. मैं कहता हूं कि महंत को क्रोध नहीं करना चाहिए वे क्रोध करते हैं, इसलिए वो मठाधीश मुख्यमंत्री हैं. राहुल और अखिलेश की जोड़ी को मुख्यमंत्री ने भस्मासुर के संज्ञा दी थी इस पर अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भस्मासुर दो नहीं हो सकते. अपना भस्मासुर उन्हें ढूंढना चाहिए.

वन नेशन वन इलेक्शन पर अखिलेश बोले कि इस पर 18,626 पेज की इतनी बड़ी रिपोर्ट थी. उसका सतही तरीके से अध्ययन किया गया है. वन नेशन वन इलेक्शन वन डोनेशन भाजपा का टारगेट है. वन नेशन वन इलेक्शन हो जाएगा, तो निर्वाचन अधिकारियों और कर्मचारियों का क्या होगा. फिर तो चुनाव भी आउटसोर्स होने लगेंगे. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को पांच साल तक क्यों वेतन देंगे.

वक्फ को लेकर अखिलेश बोले कि सरकार को धर्म के मामले में दखल नहीं देना चाहिए. सरकार बताए कि कब महिला आरक्षण लागू हो पाएगा. अयोध्या की रेप पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए. उसकी मंडी परिषद में नौकरी नहीं जानी चाहिए. जब भाजपा की सरकार चली जाएगी, तो समाजवादी पार्टी की सरकार अयोध्या को वर्ल्ड क्लास बनाएगी.

पौधे की जड़ों के कारण ताजमहल में दरारें आ सकती हैं- अखिलेश यादव (Photo Credit- ETV Bharat)

ताजमहल के रखरखाव को लेकर साधा निशाना:सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि पर्यटक ताजमहल को निहारें या समस्याओं से निपटें. जिस तरह के हालात हो रहे हैं. उनसे दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के बीच भारत की छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल होती है. जबकि, हर साल ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो करोड़ों रुपये का फंड आता है, वो कहां जाता है.

X पर अखिलेश यादव की पोस्ट (Photo Credit- ETV Bharat)

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका है. उन्होंने मुख्य गुंबद से पानी टपके के साथ ही मुख्य मकबरे पर उगे पौधे को लेकर भी सवाल उठाए. कहा कि पौधे की जड़ें विकसित हुईं, तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं. ताजमहल का परिसर बंदरों का अभयारण्य बन गया है. ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है.


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Last Updated : Sep 19, 2024, 7:40 PM IST

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