शिमला:स्वतंत्रता दिवस पर हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि सरकार डीए व एरियर को लेकर कोई न कोई सार्थक घोषणा करेगी. कर्मचारी ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि यदि एरियर न भी मिले तो कम के कम चार प्रतिशत डीए की घोषणा ही हो जाए, लेकिन उनकी उम्मीदों पर बर्फ गिरी है. यानी कहा जा सकता है कि कर्मचारियों की आशा पर तुषारापात हुआ है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न तो चार फीसदी डीए की घोषणा की और न ही एरियर का जिक्र किया.
अलबत्ता 75 साल व इससे ऊपर की आयु के पेंशनर्स के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. चूंकि उक्त आयु वर्ग के पेंशनर्स का एरियर देने में सरकार के खजाने पर कुछ अधिक बोझ नहीं पड़ना था, लिहाजा ये घोषणा की गई. साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चेताया है कि आर्थिक हालात अच्छे न होने के कारण राज्य को कड़े कदम उठाने पड़ेंगे. अगले साल से चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों के डीए-एरियर के भुगतान की बात भी सीएम ने कही. इससे साफ होता है कि कर्मचारियों को डीए व एरियर के लिए अब अगले साल का इंतजार करना होगा.
सोशल मीडिया पर छाई कर्मचारी वर्ग की निराशा
अप्रैल 2024 में हिमाचल दिवस के अवसर पर कर्मचारियों को डीए व एरियर की घोषणा की आस थी, लेकिन उस दौरान उपचुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू थी. उसके बाद 15 अगस्त का अवसर था, जब घोषणा हो सकती थी, लेकिन यहां भी उम्मीद पूरी नहीं हुई. अब अगले साल 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर ही कुछ मिलने के आसार हैं. इस बीच, कर्मचारियों की हताशा सोशल मीडिया पर उजागर हो रही है. राजू कुमार नामक एक यूजर ने पोस्ट डाली और लिखा-न डीए, न एरियर, न भत्ते, इन सबसे आजादी मुबारक हो.
रतनलाल महाजन नामक यूजर ने पोस्ट डाली-हिमाचल को कर्मचारियों को आज (15 अगस्त)के पावन पर्व पर कुछ नहीं मिला, जबकि उम्मीदें बहुत थीं. कम से कम एसीपी 4-9-14 का ही ऐलान कर दिया होता, क्योंकि ये समयबद्ध प्रमोशन काफी समय से मिल रही थी. उल्लेखनीय है कि सर्विस के चार, नौ व चौदह साल पूरे होने पर जो प्रमोशन का चैनल है, उसे 4-9-14 कहा जाता है.
एक यूजर गुरमिंदर सिंह ने हिम इंडिया एजुकेशन के नाम से चल रहे पेज की पोस्ट शेयर की. उसमें लिखा है-कर्मचारियों के लिए भी हाथ खाली, नहीं हुई डीए की घोषणा. हिमाचल कर्मचारी मंच नामक पॉपुलर पेज पर सुशील कुमार नामक यूजर ने पोस्ट किया-ओपीएस दे दी बस, नौकरी, नियमितिकरण, डीए, एरियर व भत्ते भूल जाओ. एक यूजर नरेश ठाकुर ने लिखा-डीए, एरियर को तरसते कर्मचारी, अधिकारी व सेवानिवृत कर्मचारी. वहीं, एक यूजर ने अलग ही तरह की प्रतिक्रिया दी. लिखा-हिमाचल के जो कर्मचारी पहले से ओपीएस में थे या जो एनपीएस से ओपीएस में नहीं आए, उनका एरियर एकमुश्त देना चाहिए. ओपीएस लेने वालों को सब्र भी होना चाहिए.
क्या है खजाने की हालत
हिमाचल प्रदेश पर इस वित्त वर्ष के अंत में यानी 2025 मार्च में 94 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो जाएगा. अगले ही साल से यानी 2025 से ओपीएस का इंपैक्ट भी खजाने पर आएगा. ऐसे में सरकार को एरियर के 9000 करोड़ का भुगतान करना कठिन हो जाएगा. डीए की किश्त 12 फीसदी पेंडिंग हैं. संशोधित वेतनमान का एरियर वर्ष 2016 से मिलना है. राज्य सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन, पेंशन, कर्ज चुकाने व लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी में चला जाता है. इस वित्त वर्ष में दिसंबर 2024 तक लोन लिमिट 6200 करोड़ रुपए है. उसमें से 3900 करोड़ रुपए कर्ज लिया जा चुका है. अब महज 2300 करोड़ रुपए की लिमिट बची है. ये लिमिट दिसंबर 2024 तक है. आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के लिए केंद्र सरकार अलग से लोन लिमिट सेंक्शन करती है. यानी सुखविंदर सिंह सरकार को चार महीने इन्हीं 2300 करोड़ रुपए की लिमिट से काटने हैं. सरकार ने 2 अगस्त को एक हजार करोड़ रुपए लोन की नोटिफिकेशन जारी की थी. तब उम्मीद बंधी थी कि शायद एक किश्त चार फीसदी डीए की मिल जाए, लेकिन बाद में सरकार ने एक हजार करोड़ की बजाय महज पांच सौ करोड़ रुपए ही लोन लिया.
वरिष्ठ मीडिया कर्मी बलदेव शर्मा का कहना है कि बढ़ते कर्ज पर रोक लगानी होगी. कर्ज लेकर राहत बांटना भविष्य को गिरवी रखने के समान है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि पूर्व सरकार ने कर्ज का बोझ छोड़ा है. वर्तमान सरकार कठोर फैसले लागू कर स्थितियों को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रही है. हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ के मुखिया संजीव शर्मा का कहना है कि प्रदेश के कर्मचारियों को डीए व एरियर की आस तो रहती ही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार जल्द से जल्द चरणबद्ध तरीके से भुगतान करेगी.
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