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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कल भाग लेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ - INTERNATIONAL SEMINAR 2025 AT MGU

संगोष्ठी में कुल 5 वैज्ञानिक सत्र भी आयोजित किए जाएंगे. इसमें कई देशों के डेलीगेट्स भाग लेंगे.

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12 जनवरी से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2025, 10:48 AM IST

गोरखपुर :आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतर संबंधों को समझने के लिए, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 12 जनवरी को होगा. इसकी खास बात यह है कि इसमें कई देशों के डेलीगेट्स शामिल हो रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ का इसमें विशेष व्याख्यान होगा.

गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि ‘आयुर्वेद-योग-नाथपंथ’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 12 जनवरी को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का पंचकर्म ऑडिटोरियम में पूर्वाह्न 11:30 बजे से होगा. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में इजराइल के आयुर्वेद औषधि विशेषज्ञ, गई लेविन और विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह, श्रीलंका के मशहूर आयुर्वेद चिकित्सक प्रो. पिरयानी पेरिस और श्रीलंका के ही डॉ. मायाराम उनियाल उपस्थित रहेंगे.

संगोष्ठी का समापन 14 जनवरी को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह करेंगे. समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विरार्थना और विशिष्ट अतिथि इजराइल की आयुर्वेद विशेषज्ञ आंट लेविन, इंग्लैंड आयुर्वेद एसोसिएशन के डॉ. वीएन जोशी व गोस्वाल फाउंडेशन उडुपी के डॉ. तन्मय गोस्वामी होंगे.

डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि दिन तीन की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश और दुनिया से आए डेलीगेट्स, आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थियों को दूसरे दिन 13 जनवरी को 11 बजे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मार्गदर्शन प्राप्त होगा. संगोष्ठी में कुल 5 वैज्ञानिक सत्र भी आयोजित किए जाएंगे. इन सत्रों में देश और दुनिया के विद्वान आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक संबंधों पर चर्चा करते हुए आरोग्यता के विविध आयामों पर विशद चर्चा करेंगे.

अलग-अलग वैज्ञानिक सत्रों में बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के निदेशक एवं प्रख्यात कैंसर सर्जन डॉ संजय माहेश्वरी, इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर (ईरी) के साउथ एशिया निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह, एम्स भोपाल के निदेशक और एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह, यूएसए में ‘आपना’ संस्था के अध्यक्ष डॉ. शेखर ए., विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष डॉ. जीएस तोमर, बीएचयू वाराणसी के प्रो. बीएम सिंह, एम्स गोरखपुर के डॉ. चेतन साहनी, आईआईटी दिल्ली के प्रो. केके दीपक, बीएचयू के डॉ. अमित कुमार नायक, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मैंगलोर के डॉ. प्रह्लाद डीएस, बीएचयू वाराणसी के प्रो. केके पांडेय, ऐमिल के निदेशक डॉ. संचित शर्मा, बीएचयू वाराणसी की प्रो. नम्रता जोशी, मंदसौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के एमए नायडू और इसी विश्वविद्यालय के प्रो. सुनील कुमार पांडेय, गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के निदेशक डॉ. हिमांशु दीक्षित, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रामकुमार जायसवाल, गुरु गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा आदि की विशेष सहभागिता रहेगी.

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