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गंजेपन से परेशान हैं तो गोरखपुर एम्स आइए, फॉलिकुलर ग्राफ्टिंग टेक्नोलॉजी से कभी नहीं गिरेंगे बाल

गोरखपुर एम्स के चर्म रोग विभाग के चिकित्सकों को दावा है कि यहां सस्ते में सुरक्षित और कभी न गिरने वाले बाल ट्रांसप्लांट (Treatment of Baldness) किए जाते हैं. यहां बालों का ट्रांसप्लांट फॉलिकुलर ग्राफ्टिंग टेक्नोलॉजी से किया जाता है. देखें विस्तृत खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 7, 2024, 9:39 AM IST

गोरखपुर : अगर आप गंजापन के शिकार हैं और कभी न गिरने वाले बाल अपने सिर पर उगाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए गोरखपुर एम्स के चर्म रोग विभाग से संपर्क करना पड़ेगा. यहां सस्ते में सुरक्षित और कभी न गिरने वाले बाल ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. ऐसी सुविधा आपको पूर्वांचल के सरकारी से लेकर गैर सरकारी किसी भी क्षेत्र में नहीं मिलेगी. हालांकि इसके लिए लोग प्राइवेट अस्पतालों में डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च करते हैं. गोरखपुर एम्स के चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में 8 से 10 डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को एक मरीज पर बाल ट्रांसप्लांट कर सफलतापूर्वक प्रोजेक्ट को अंजाम दिया है. बालों का ट्रांसप्लांट फॉलिकुलर ग्राफ्टिंग टेक्नोलॉजी के जरिए किया गया है. इसमें खास बात यह है कि मरीज के सिर को सिर्फ सुन्न किया जाता है. ऐसे में डॉक्टर मरीज से बातचीत करते हुए बाल प्रत्यारोपित करते हैं.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर में अब हेयर ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है. चर्म रोग विभाग के डॉक्टर और सर्जरी विभाग के डॉक्टर मिलकर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं. इस सुविधा के शुरू होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के लोग बड़े स्तर पर लाभ उठा सकते हैं. अभी तक लोग दिल्ली जाते थे. एम्स के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि फॉलिक्युलर यूनिट हेयर एक्सिशन ग्राफ्टिंग जैसी महत्वपूर्ण एवं उन्नत तकनीक द्वारा सिर के बालों की वापसी की सुविधा प्रदान की जा रही है. जिसमें उनके साथ डॉ. शिवांगी राणा समेत कई चिकित्सक सहयोग कर रहे हैं. जिस युवक का पहला ट्रांसप्लांट एम्स में किया गया, उससे मामूली खर्च ही लिए गए. जिसमें कुछ सामान ऐसे थे जो उसे मंगवाए गए. एम्स के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 250 लोग विभिन्न तरह के इलाज के लिए आते हैं. जिसमें 35% लोग गंजेपन के शिकार होते हैं और वह इसका इलाज चाहते हैं. जिसे देखते हुए ही एम्स प्रबंधन ने यहां हेयर ट्रांसप्लांटेशन की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया था.



डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि हेयर ट्रांसप्लांटेशन के लिए पॉइंट आठ डायमीटर की पांच मशीनें मंगाई गई हैं. जिसकी सहायता से सिर के पीछे से बाल जड़ सहित निकालकर उनका रोपण खाली स्थान पर किया जाता है. क्योंकि यह बाल काफी देर में गिरते हैं. इसलिए आगे लगने पर उनके गिरने की संभावना बहुत कम रहती है. उन्होंने कहा कि करीब 6 घंटे का समय हेयर ट्रांसप्लांटेशन में लगता है. जिनके आगे के हिस्से के बाल गिरे होते हैं उनके सिर में करीब 200 से 500 बाल रोपे जाते हैं. ज्यादा बाल गिरे होने की स्थिति में 2000 बाल निकालने और लगाने पड़ते हैं. जिसमें करीब 8 से 10 घंटे का समय लगता है. ऐसे लोगों को तीन-चार दिन एडमिट भी करना पड़ता है. दो हजार बाल के लिए 4 से 5 हजार बाल निकालने पड़ते हैं. बाल पीछे के हिस्से से बीच-बीच से निकाले जाते हैं. जिससे पीछे भी गंजापन न होने पाए. फिलहाल गोरखपुर एम्स में यह सुविधा निश्चित रूप से सुरक्षित और सस्ती है.


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