गोरखपुर : भोपाल एम्स के एडिशनल डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ अजय सिंह ने रविवार की शाम गोरखपुर एम्स पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एम्स गोरखपुर की जिम्मेदारी उनके लिए थोड़ी मुश्किल भरी जरूर है, लेकिन इस जिम्मेदारी के मिलने से वह उत्साहित भी हैं.
पर्चा काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी :सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स को लेकर जो भी जानकारी उनके पास है, उसके मुताबिक यहां आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए हर पहलु पर वह विशेष तौर पर कार्य करने की पहल करेंगे. पर्चा काउंटर से लेकर भुगतान काउंटर तक की संख्या बढ़ाई जाएगी. महिला, पुरुष, वरिष्ठ नागरिक सबके लिए अलग काउंटर होगा, जिससे ओपीडी से लेकर कहीं पर भी मरीज को कोई समस्या न आये. एम्स के अंदर मौजूद सभी 16 ऑपरेशन थिएटर अति शीघ्र संचालित होंगे जो मौजूदा समय में चार की संख्या में संचालित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह होगी कि यहां के ट्राॅमा सेंटर पहुंचने वाले मरीज को हर हाल में फर्स्ट एड देने की सुविधा शुरू की जाएगी. जिस सुविधा का अभाव है उस दशा में ही मरीज को यहां से रेफर किया जाएगा. यही नहीं उन्होंने 6 के 6 दिन ओपीडी संचालित करने पर जोर दिया है और प्रत्येक ओपीडी में दो सीनियर रेजीडेंट को मौजूद रहते हुए मरीजों को इलाज और परामर्श देना होगा. यह उन्होंने तय कर दिया है.
15 लाख रुपए का बजट तैयार :उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स जिस उद्देश्य से स्थापित हुआ है उसको पूरा करने के लिए जो भी जरूरतें हैं उसे लागू करवाने की कोशिश होगी. फिलहाल वह 3 महीने के लिए प्रभारी एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए हैं, लेकिन इस समय को भी वह अपने लिए एक चैलेंज के रूप में लेते हैं, जिसमें व्यवस्थाओं में बेहतरी लाने का प्रयास होगा. शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी एम्स प्रबंधन 15 लाख रुपए का बजट तैयार कर रखा है, जिससे न सिर्फ इलाज, बल्कि समस्याओं के असली वजह तक भी पहुंचा जा सकेगा. डॉ अजय सिंह ने कहा कि बहुत कुछ समस्याएं संवाद के स्थापित होने से समाप्त हो जाती हैं. ऐसे में उनकी कोशिश होगी मरीज और डॉक्टर यहां तक की सिक्योरिटी गार्ड और एम्स में पढ़ने वाले छात्रों के बीच, जिस भी विषय को लेकर नकारात्मकता स्थापित है, उसको संवाद स्थापित करके दूर किया जाए. इससे समस्याओं का निदान होगा और एम्स की छवि परिसर से बाहर अच्छी निकलकर जाएगी और सुधार की गुंजाइश भी बढ़ जाएगी.