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गोरखपुर एम्स डायरेक्टर की छुट्टी, बेटे के एडमिशन मामले में नपे, जाने किसे मिला प्रभार - Gorakhpur AIIMS director removed - GORAKHPUR AIIMS DIRECTOR REMOVED

बेटे के प्रवेश मामले में जांच में घिरे गोरखपुर एम्स के डायरेक्टर को पद से हटा दिया गया. उनकी जगह एम्स भोपाल के डायरेक्टर को प्रभार दिया गया.

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हटाए गए गोरखपुर एम्स डायरेक्टर (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 10:21 PM IST

गोरखपुर: एम्स गोरखपुर में बेटे के एडमिशन मामले की जांच में घिरे डायरेक्टर डॉ. जीके पाल पर गाज गिरी है. उनकी जगह एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. ए के सिंह को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. फर्जी आय प्रमाण पत्र के आधार पर ओबीसी कोटे में बेटे के एमडी में प्रवेश को लेकर डॉ. पाल के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच कमेटी गठित की है.

यह लगातार दूसरा मामला है जब एम्स डायरेक्टर को विवादों के चलते हटाया गया है. इससे पहले डॉ. सुरेखा किशोर को भी अनियमितताओं के चलते ही गोरखपुर एम्स के डायरेक्टर पद से हटना पड़ा था. बेटे के प्रमाण पत्र की जांच करने गुरुवार को विजिलेंस की टीम भी गोरखपुर एम्स पहुंची थी. इसके बाद चर्चाओं का बाजार पूरी तरह गर्म था. इस टीम ने ओपीडी इंचार्ज से भी मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता डॉ. गौरव गुप्ता से भी टीम मुलाकात करना चाह रही थी लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई.

बता दें कि एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. पाल के बेटे ओरो प्रकाश पाल का ओबीसी का प्रमाण पत्र पटना से जारी हुआ है. जिस मामले में डीएम पटना भी कमेटी बनाकर जांच कर रहे हैं. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बाद 3 सदस्यीय केंद्रीय टीम भी मामले की जांच कर रही है. टीम में विजिलेंस के अधिकारी भी शामिल हैं. जांच होने से पूरे एम्स में गहमा गहमी का माहौल है. वहीं कर्यकारी डायरेक्टर का कार्यकाल 2 अक्टूबर को समाप्त हो रहा था. तभी डॉ. जी के पाल को पद से हटाकर भोपाल एम्स के डायरेक्टर को जिम्मेदारी दे दी गई.

दरअसल, एम्स सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर गौरव गुप्ता ने कार्यकारी निदेशक जीके पल के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि, वह अपने बेटे डॉ.ओरो प्रकाश पाल का फर्जी ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाकर, एम्स के माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम में एडमिशन दिलाए हैं और एचसीएल का लाभ लेने की भी शिकायत उन्होंने की थी. शिकायत के बाद बेटे ने चार दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था.

वहीं इस पूरे मामले के खुलासे के बाद एम्स के कार्यकारी निदेशक का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा की, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के लिए कमेटी गठित की है. कमेटी के जांच के बाद ही सही जानकारी सभी को हो जाएगी. जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सभी तथ्यहीन हैं. रही बात विजिलेंस जांच की तो इसकी जानकारी अभी उन्हे नहीं है. अगर जांच के लिए कोई आता है तो सहयोग किया जाएगा.

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