रायपुर:इन दिनों सोने-चांदी के दाम आसमान छूने लगे हैं. बावजूद इसके ग्राहकी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. इस समय शादी-ब्याह का सीजन भी चल रहा है. लोग शादियों में अपनी बहू और बेटियों को देने के लिए सोने और चांदी की खरीदी करते हैं. इसके साथ ही सोने की खरीदी सुरक्षित निवेश के हिसाब से भी की जाती है, जिसके कारण सोने के दाम दिन-ब-दिन आसमान छूने लगे हैं. आज से 75 साल पहले सोना प्रति तोला 99 रुपए था, लेकिन वर्तमान समय में यही सोना प्रति 10 ग्राम 75 हजार रुपये के पार चला गया है. 75 सालों में सोने के दाम में 700 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
70 सालों में कितना बढ़ा सोने का दाम: इस बारे में ईटीवी भारत ने रायपुर सर्राफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "साल 1951 में एक तोला सोने की कीमत मात्र 98 रुपए थी. साल 1952 में एक तोला सोना 76 रुपए था. साल 1953 में एक तोला सोना 73 रुपए था. पुराने समय में एक तोला सोना यानी 11.664 ग्राम यानि कि 11 ग्राम 664 मिलीग्राम होता था. वर्तमान समय में लोग एक तोला यानी 10 ग्राम को मानते हैं. साल 2021 में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 48720 रुपये हो गए. वहीं साल 2022 में 53600 रुपये, साल 2023 में 65600 रुपये और साल 2024 में सोना प्रति 10 ग्राम बढ़कर 75600 रुपये पर पहुंच गया है. कुल मिलाकर सोने के दाम 700 फीसद तक बढ़ गया है."
साल-दर-साल बढ़ रही सोने की कीमत: समय के साथ-साथ सोने के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सोना एक सुरक्षित निवेश है, जिसके कारण लोग सोने की खरीदी करते हैं. विश्व में कहीं पर भी सोने को बेचकर पैसा ले सकते हैं. सुरक्षित निवेश के हिसाब से लोग सोने की खरीदी पर ज्यादा इंटरेस्ट लेते हैं. सोने-चांदी के भाव बढ़ने के बाद भी ग्राहकी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. लोग अपने बजट के अनुसार सोने और चांदी की खरीदी कर रहे हैं.