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इंडियन रोलर बैंड को इंटरनेशनल ऑफर, शायरी को सुरों में ढालने का गजब हुनर, तंजानिया में मचाएंगे धमाल - INDIAN ROLLER BAND

छत्तीसगढ़ का इंडियन रोलर बैंड अब वर्ल्ड फेम पर अपने सुरों का जलवा बिखेरने जा रहा है. Indian Roller Music

INDIAN ROLLER MUSIC
कविता और शायरी वाला म्यूजिक बैंड INDIAN ROLLER BAND (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 12, 2025, 8:48 PM IST

Updated : Jan 12, 2025, 8:56 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की माटी हमेशा से कला और कलाकार को निखारते आ रही है. इस प्रदेश के कई कलाकारों ने कला जगत को नई पहचान दी है. इस फेहरिस्त में अब छत्तीसगढ़ के इंडियन रोलर बैंड का नाम शामिल हो चुका है. अब यह बैंड रायपुर से निकलकर सीधे तंजानिया की धरती पर अपनी धुनों और सरगम का राग छेड़ने को तैयार है. इस बैंड को इंटरनेशनल टूर पर ईस्ट अफ्रीका के तंजानिया शहर में आमंत्रित किया है. यहां के देशी ब्रिस्टो क्लब ने बैंड के टीम को शो करने के लिए ऑफर किया है. 22 जनवरी से 23 अप्रैल तक यह बैंड लगभग 30 शो करेगा.

म्यूजिक के लिए बैंड के मेंबर का गजब जुनून: इस बैंड के सदस्यों में संगीत के प्रति गजब का जुनून है. इस बैंड के सदस्यों में से कइयों ने अपना घर छोड़ा और किसी ने अपनी नौकरी छोड़ी. इस तरह इन लोगों ने संगीत के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. यह बैंड टीम गायकी के जरिए अपना हुनर पेश करने में माहिर है. सीमित संसाधन में सरगम और संगीत की नायाब धुन पैदा करने का जज्बा इनके अंदर है.

छत्तीसगढ़ का इंडियन रोलर बैंड (ETV BHARAT)

कविता और शायरी को देते हैं गाने का रूप: इस बैंड के सदस्य कविता और शायरी को म्यूजिक का रूप देते हैं. कोविड के दौर में इन्होंने यह काम शुरू किया था और उन्हें एक मंच की तलाश थी. उस दौरान कैफे में अपने शो को परफॉर्म करने के लिए प्लेटफार्म की तलाश में थे, लेकिन बड़ी मुश्किल उन्हें कहीं जगह मिल पाती थी. इन्हें लगातार सफलता मिलती गई. जिसके बल पर यह गायकी के क्षेत्र में आगे बढ़ते गए. अब यह तंजानिया में अपने सुरों से लोगों का दिल मोहेंगे. ईटीवी भारत ने इस ग्रुप से खास बात की और इनके फ्यूचर प्लान और तंजानिया के टूर के बारे में जाना.

इंडियन रोलर बैंड की पूरी टीम (ETV BHARAT)

सवाल: इंटरनेशनल टूर पर जाने वाले हैं. आखिर यहां तक पहुंचने के लिए किस तरह के मुकाम की जरूरत इनको पड़ी? कैसे उस मुकाम तक ये लोग पहुंचे हैं?

जवाब: हमारी टीम के इन लोगों के बिना पॉसिबल नहीं था, क्योंकि बैंड है ना वो बिल्कुल पांच उंगलियों के जैसे होता है.अगर इसमें से एक भी कट जाए तो आदमी का हाथ मुट्ठी का स्वरूप हासिल नहीं कर सकता. इसमें किसी एक आदमी का कभी भी रोल नहीं रहता. ये एक टीमवर्क है और ये बैंड यहां तक पहुंचा. इसलिए क्योंकि ये सब अपने अपने आप में काफी ज्यादा आर्ट को लेकर के पारंगत है. जो हमारे गिटारिस्ट हैं, वो पिछले 13 सालों से सिर्फ गिटार बजा रहे हैं और बारहवीं के बाद उन्होंने सिर्फ गिटार की पढ़ाई की है. आयुष की पूरी पढ़ाई जो है म्यूजिक में हुई है से यही करें. लेकिन मज़े की बात है जो हमारे बैंड के ड्रमर है वो लॉक डाउन में ड्रमर बने तो वो उनका इतना ज्यादा महत्व है कि वो दिन भर में मेरे ख्याल से दो काम करते हैं. खाते सोते और सिर्फ ड्रम बजाते रहते हैं. इसके अलावा कुछ नहीं करते.

इंडियन रोलर बैंड के सदस्य ऋषि वालिया (ETV BHARAT)

सवाल: आपकी टीम में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने घर छोड़ा, नौकरी छोड़ी. कुछ लोग अपने परिवार को छोड़े हैं. इस मुकाम को हासिल करने में आपको क्या क्या सामना करना पड़ा?

जवाब: संदीप में बैंड के लीड गिटारिसट ये बिलासपुर में रहते है और इनके घर में एक बूढ़ी नानी है और इनकी माता जी है. इनके फादर नहीं है. घर का सारा बोझ इनके सर पे है, लेकिन उसके बावजूद अब ये वहां की जिम्मेदारियों को छोड़ करके हम लोगों के साथ पिछले दो तीन सालों से लगे हुए हैं. तो जहां एक लड़का कितना इम्पोर्टेन्ट होता है किसी परिवार में जब वो सिंगल हो तो आप समझ सकते हैं. इस तरह का कमिटमेंट हमारे बैंड के सदस्यों में है.

इंडियन रोलर बैंड टीम के सदस्य आयुष (ETV BHARAT)

सवाल:आप लोगों ने ये जो टीम बनाई है, वो कब गठित हुई? कब से आप लोगों ने शुरुआत की और कैसे यहां तक पहुंचे?

जवाब: सुमित जॉनसन बैंड के बेसिसट है और म्यूसिक प्रोड्यूसर है. इनसे ये तमाम चीज़े शुरू हुई है अगर जॉनसन साथ ना देता और जॉनसन हामी ना भरता तो ये बैंड यहां तक नहीं पहुँचता.

सवाल: आप लोगों ने परफॉर्म करना कब से शुरू किया. आपको कैसे काम मिला?

जवाब: परफॉर्म करते हुए तो सर साढ़े 3 साल हो गए. सबसे पहले मैं सुमित और आयुष थे. उसके बाद हम लोगों ने करीब छह महीने तक काम किया. फिर हमने शोज करना शुरू किया. हमने कैफे में गाने गे उसके बाद हमारा बैंड बढ़ा. इसके सदस्य बढ़े और म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के साथ साथ परफेक्ट म्यूजिशियन भी मिलते चले गए. इस तरह हमारा बैंड बना.

इंडियन रोलर बैंड का म्यूजिक कनेक्शन समझिए (ETV BHARAT)

सवाल: आयुष जी आप अपने बारे में बताइए, कैसे आप इस बैंड में शामिल हुए और किस तरह इस बैंड की पहचान बनी.

जवाब: मेरी स्कूलिंग जैसे ही खत्म हुई तो जशपुर के एक प्रोजेक्ट में हमने हिस्सा लिया. ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ़ इस प्रोजेक्ट को ऋषि भाई ने लीड किया. उसके बाद हमारे अंदर गाना बनाने को लेकर सहमति बनी. उसके बाद हम गाना बनाने लगे और हमें म्यूजिक में इंट्रेस्ट आने लगा. हमारे बैंड का कारवां बनता गया और हमने संगीत की दुनिया में कदम रख दिया. हमें हमारे साउंड इंजीनियर हैरी भाई की बहुत हेल्प मिली. जिससे अब गायकी के क्षेत्र में नए अंदाज में तराने छेड़ रहे हैं. हमारे बैंड में संदीप बिलासपुर से हैं. बाकी के हम सदस्य भिलाई के रहने वाले हैं.

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Last Updated : Jan 12, 2025, 8:56 PM IST

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