उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में कांच के पुल पर चलने के लिए करना होगा थोड़ा सा इंतजार, ऋषिकेश में बन रहा बजरंग सेतु - RISHIKESH GLASS BRIDGE

ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के बगल में बनाया जा रहा कांच का पुल, जून 2025 तक तैयार हो जाएगा बजरंग सेतु

Bajrang Setu Rishikesh
बजरंग सेतु का निर्माण कार्य (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 11, 2024, 5:42 PM IST

Updated : Dec 11, 2024, 5:50 PM IST

ऋषिकेश: विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के पास ही कांच का पुल (बजरंग सेतु) का निर्माण कार्य जारी है. कार्यदायी संस्था का दावा है कि आगामी जून 2025 तक कांच का पुल बनकर तैयार हो जाएगा. अभी तक 65 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कांच का पुल तैयार हो जाएगा. जिसके बाद कांच का पुल देखने के लिए चीन नहीं जाना पड़ेगा. ऋषिकेश में ही ग्लास ब्रिज यानी कांच के पुल में आवाजाही कर सकेंगे.

दरअसल, केंद्र सरकार ने 27 अक्टूबर 2021 को सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्क्टचर फंड के तहत 56 करोड़ रुपए मंजूर किए. इस धनराशि से लोक निर्माण विभाग को तपोवन-स्वर्गाश्रम के बीच बजरंग सेतु (कांच का पुल) का निर्माण करने को कहा गया. जिसके बाद लोनिवि की नरेंद्रनगर डिवीजन ने टेंडर कॉल कर 5 जनवरी 2022 को कार्यदायी संस्था हायर की. ऐसे में कार्यदायी संस्था की ओर से पुल का निर्माण किया जा रहा है.

132.3 मीटर लंबा होगा बजरंग सेतु:बता दें कि बजरंग सेतु (कांच के पुल) की लंबाई 132.3 मीटर है. जबकि, इसकी चौड़ाई 8 मीटर है. इस पुल के दोनों किनारे कांच के होंगे. जिस पर लोग पैदल चल पाएंगे. लोगों को बेसब्री से इस पुल के बनने का इंतजार है. वहीं, तपोवन-स्वर्गाश्रम के बीच जो झूला पुल डेढ़ साल में बनना था, वो लगभग तीन साल बाद भी अधूरा है.

करार के तहत संबंधित कार्यदायी संस्था को डेढ़ साल यानी 4 जुलाई 2023 तक निर्माण पूरा करना था, लेकिन निर्धारित समयावधि में भी काम पूरा नहीं हो पाया है. डेडलाइन गुजरने के बाद लोक निर्माण विभाग की ओर कार्यदायी संस्था को एक्सटेंशन दिया गया है. जिसमें 16 महीने का समय बीत चुका है. जबकि, 6 महीने का समय एक्सटेंशन के तौर पर ही कार्यदायी संस्था के पास बाकी है.

कार्यदायी संस्था का दावा है कि साल2025 के जून तक पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. जबकि, एई साहब सिंह सैनी के मुताबिक अब तक 65 फीसदी काम हो चुका है. ऐसे में तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही लोग ग्लास ब्रिज पर वॉक कर सकेंगे.

लक्ष्मण झूला पुल क्षेत्र में व्यापार पर पड़ा असर:साल 2019 में उम्र पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल को सुरक्षा कारणों से बंद किया गया, जिससे पुल पर आवाजाही बंद हो गई. तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने यह बजरंग सेतु निर्माण का फैसला लिया. पुल बंद होने से दोनों छोर पर दशकों से कारोबार कर रोजी-रोटी चलाने वाले स्थानीय व्यापारियों का काम चौपट है.

पुल का निर्माण जल्द पूरा करने के लिए वो कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. स्थानीय व्यापारी दिनेश पुंडीर, लेखराज भंडारी, नंदू भंडारी, यशपाल कंडारी आदि ने बताया कि कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है. कई बार पुल का निर्माण जल्द पूरा करने की मांग की चुकी है, लेकिन अभी भी निर्माण धीमी गति से चल रहा है.

लोनिवि सचिव की डेडलाइन बेअसर:बीते साल यानी 16 दिसंबर 2023 को लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज पाण्डेय निर्माणाधीन बजरंग सेतु का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने निर्माण की धीमी गति पर नाराजगी जताई थी. साथ ही जुलाई 2024 तक पुल तैयार करने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन जुलाई से अब दिसंबर महीना आधा गुजर चुका है. बावजूद अभी तक पुल का निर्माण65 प्रतिशतही काम हुआ है.

गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी भी दे चुके निर्देश:वहीं, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी भी 30 अगस्त को निरीक्षण कर चुके हैं. उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पुल निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्माण कछुआ गति से चल रहा है. बरहाल, कार्यदायी संस्था की मानें तो अगले 6 महीने के भीतर कांच का पुल तैयार हो जाएगा.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Dec 11, 2024, 5:50 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details