पौड़ी: जिला अस्पताल पौड़ी जो लंबे समय से विवादों में चल रहा था. लेकिन अब सरकारी व्यवस्थाओं में आने के बाद भी विवादों में ही है. दरअसल बीते दिन पौड़ी में हुए बस सड़क हादसे में जब घायलों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया तो वहां बिजली ही गुल थी. जिस कारण घायलों का मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज किया गया. हॉस्पिटल की इस व्यवस्था से स्थानीय लोगों में खासा रोष है.
घायलों का टॉर्च की रोशनी में डॉक्टरों ने किया इलाज: स्थानीय व्यापारी अरविंद रावत और व्यापार सभा के अध्यक्ष विनय शर्मा ने बताया कि पौड़ी अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए लगातार मांग उठाई जाती रही है. लेकिन जिला अस्पताल में सरकार और प्रशासन व्यवस्थाओं को बेहतर करने में नाकामयाब साबित हो रहा है. जिसका ताजा उदाहरण बीते दिन देखने को मिला. जब पौड़ी अस्पताल में जनरेटर की उचित व्यवस्था होने के बावजूद भी विद्युत व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई और अंधेरे में ही घायल मरीजों का उपचार करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल का टॉर्च ऑन करके घायलों का उपचार करवाया, जो दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
जिम्मेदार अधिकारी दे रहे ये दलील: वहीं अब व्यापार सभा पौड़ी की ओर से अस्पताल में बढ़ रही अव्यवस्थाओं को देखते हुए सोमवार यानि आज पूरे बाजार को बंद रखने का निर्णय लिया गया है. व्यापार सभा के पदाधिकारी ने कहा कि जिस तरह से घायल मरीजों को टॉर्च की मदद से उपचार दिया गया. यहां पर स्टाफ की कमी भी देखी गई, जिससे स्थानीय लोगों ने स्वयं स्ट्रक्चर से घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया, इन सभी चीजों से साफ जाहिर होता है कि पौड़ी अस्पताल में अब तक व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं उतर पाई है. सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के समीप पेड़ टूटने से बिजली गायब थी. वहीं अस्पताल में लगे जेनरेटर में तकनीकी दिक्कत आने से उसे शुरू करने में समय लग गया. समस्या का समाधान करने हुए जेनरेटर चलाया गया.
सड़क हादसे में छह लोगों की गई जान: गौर हो कि पौड़ी जिले में जीएमओयू की बस बीते दिन हादसे का शिकार हो गई.बस 28 यात्रियों को लेकर पौड़ी से श्रीनगर आ रही थी. बस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 लोग घायल हो गए.
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