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आगरा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्राओं का जलवा, हासिल किए 99 मेडल

Ambedkar University Convocation : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों से की सामाजिक परिवर्तन लाने की अपील.

आगरा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह.
आगरा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

आगरा :डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 90वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में आयोजित किया गया. इस मौके पर राज्यपाल ने 117 मेधावियों को मेडल प्रदान किए. इनमें 99 मेडल छात्राओं ने हासिल किए हैं. बीते कुछ वर्षों से दीक्षांत में बेटियों के पदक के मामले में दबदबा बना हुआ है. इस बार भी 117 में से सिर्फ 18 पदक छात्रों को मिले हैं. दीक्षांत समारोह की गोल्डन गर्ल एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा डॉ. अर्पिता चौरसिया रहीं. उन्हें सात गोल्ड और एक सिल्वर पदक प्रदान किया गया है. दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षाविद् प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे, विशिष्ट अतिथि अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी भी मौजूद रहीं.

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों से कहा कि आप सबसे पहले घर जाकर अपनी मां को मेडल पहनाएं. उन्हें सम्मान दें. ये संकल्प लें, मां तुम्हारी अंतिम समय पर सेवा करूंगा. मैं दहेज की मांग नहीं करूंगा. पत्नी के घर से रुपये, मकान नहीं लूंगा. ये हमारी शिक्षा का अंग होना चाहिए. मैं जेलों में जाकर जाती हूं तो वहां पर देखती हूं. वहां पर दहेज में महिलाएं जेल में हैं. हमें परिवर्तन करने की दिशा में काम करना चाहिए. आप ताकतवर बनिए. माता और पिता से कहें. मुझे कुछ नहीं चाहिए. मुझे अच्छी और संस्कारी लड़की चाहिए. हमें समाज से दहेज जैसी बीमारी को दूर करना है.

आगरा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)


12 भवन का लोकापर्ण किया गया :डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशू रानी ने बताया कि समारोह में मेधावी छात्र और छात्रों को पदक, डिग्री और उपाधी प्रदान की. राज्यपाल के हाथों 12 भवन, प्रयोगशाला समेत अन्य का लोकार्पण किया. दीक्षांत समारोह में 2023-24 सत्र के 60212 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई. जिनमें 46538 स्नातक, 2,755 परास्नातक हैं. जिसमें व्यावसायिक पाठ्यक्रम के 9993 और आवासीय संस्थानों के 876 विद्यार्थी शामिल रहे. समारोह में 55 पीएचडीधारकों को उपाधि प्रदान की गई.


हाउ इज का जोश, आज एआई का जमाना :दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षाविद् प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मेडल पाने वाले सभी छात्र और छात्राओं में से 99 मेडल छात्राओं को मिले हैं. यह गौरव की बात है. पहले उच्च शिक्षा में बेटियां नहीं होती थीं. इंजीनियरिंग में बेटियां होती नहीं थीं. ये एक आइना है. जो हमें विकसित भारत की ओर ले जा रहा है. गत दो साल रिपोर्ट में ये सामने आया है कि बेटियां आगे हैं. इसरो को इनाम मिला है. हम चंदा मामा की कहानी सुनते थे. हम चांद पर जाकर पानी की खोज कर रहे हैं. आज न्यूक्लियर एनर्जी में आगे जा रहे हैं. सोलर मिशन भी आगे बढ़ रहा है. 2070 तक हम नेट कार्बन जीरो हो जाएंगे. उन्होंने युवाओं से हाउ इज द जोश का नारा लगवाया.

मेडल मिले, अब मॉडल बनें :विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आप सबको उपाधि और मेडल मिले है. मेरी आपको सलाह है कि आपको मेडल मिल गए हैं, अब मॉडल बनना होगा. जिससे समाज को एक नई दिशा मिले. इस दौरान उन्होंने इंग्लिश कविता सुनाई. ये विदेशी संस्कृति का संस्कार है. दूसरी ओर संस्कार और अलग सोच को दिखाती है. विशिष्ट अतिथि उच्च राज्य शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति से नए सोपान बनेंगे. ये शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देगी. प्रदेश में उच्च शिक्षा स्तर बेहतर हो रहा है. आंगनबाड़ी में पहुंचने वाले बच्चों को बेहतर ज्ञान, स्वास्थ्य की सुविधाएं मिलेंगी. जिससे उनकी नींव मजबूत होगी.

डाॅ. अर्पिता ने कहा-पापा का सपना पूरा, माता-पिता ने कही ऐसी बात

गोल्ड मेडिलिस्ट डॉ. अर्पिता चौरसिया को आठ मेडल मिले हैं. जिसमें 7 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल है. गोल्डन गर्ल ने कहा कि ये सभी मेडल मैं अपने पिता को डेडिकेट करना चाहती हूं. पिता का खुद डॉक्टर बनने का सपना था, मगर पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से वे डॉक्टर नहीं बन पाए. उन्होंने पांच भाई बहनों को पढ़ने का मौका दिया. जिसकी वजह से हम तीन भाई और बहन डॉक्टर बन गए हैं.

डॉ. अर्पिता चौरसिया एसएन मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप कर रही हैं. एमबीबीएस 2019 बैच की हैं. डॉ. अर्पिता चौरसिया के साथ उनके माता-पिता भी मंच पर पहुंचे थे. कुलपति आनंदीबेन पटेल ने डॉ. अर्पिता चौरसिया और उनके माता पिता से बातचीत की. पिता राजकिशोर चौरसिया ने कहा कि बेटी गर्व और खुशी का अवसर प्रदान किया है. अर्पिता को देखकर मेरी दूसरे बेटा और बेटी भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. घर में कॉम्पटीशन का माहौल है.

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