नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली एनसीआर में बड़ी संख्या में लोग आकर बस रहे हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. बढ़ती आबादी के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर में प्रॉपर्टी की डिमांड में भी भारी इजाफा हुआ है. एनसीआर में प्रॉपर्टी की इस बढ़ती डिमांड का कॉलोनाइजर भी खूब फायदा उठा रहे हैं. अवैध रूप से कॉलोनियां काटी जा रही है. कृषि भूमि पर आवासीय कॉलोनी बसाई जा रही हैं. डूब क्षेत्र भी कॉलोनाइजरों के निशाने पर है. अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट इमेज मैपिंग का अब इस्तेमाल होगा.
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अतुल वत्स के मुताबिक, प्राधिकरण को डिजिटाइज्ड करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने सीएसआर के माध्यम से AI सॉफ्टवेयर विकसित कराया है. विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में कहां-कहां पर अवैध रूप से कॉलोनी को बसाया जा रहा है. इसके बारे में जानकारी AI सॉफ्टवेयर के माध्यम से मिल सकेगी. जिससे अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनी पर रोकथाम लगाने में काफी मदद मिलेगी.
सैटेलाइट इमेज बताएगी अवैध निर्माण: प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, AI सॉफ्टवेयर के माध्यम से विकसित की जा रही कॉलोनी के बारे में तमाम जानकारी उपलब्ध होगी. यहां तक की सेटेलाइट इमेज में अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी में बिजली के खम्बो तक की साफ तस्वीर दिखाई देगी. यदि किसी प्रकार का कोई निर्माण रास्ते या बिजली के खंभे लगे होने की जानकारी मिलती है तो जांच की जाएगी कि कॉलोनी का नक्शा विकास प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं. यदि नक्शा पास कराए बिना ऐसा किया जा रहा होगा तो कार्रवाई की जाएगी.