लखनऊ :जिले में शादियों के सीजन और बाहर से आपूर्ति में कमी के चलते सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. हरी सब्जियों से लेकर लहसुन और प्याज के दामों में भी इजाफा हुआ है. आम जनता की थाली से सब्जियां गायब होती जा रहीं हैं. बारिश के मौसम में खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो गई थीं, वहीं सड़क यातायात में बाधा के कारण मंडियों में सब्जियों की आवक भी कम हो गई है. सब्जी व्यापारियों का कहना है कि सहालग के महीने में भिंड़ी, परवल, करेला, तोरई, बैंगन समेत कई सब्जियों के दामों में तेजी बनी हुई है, वहीं लहसुन के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है.
हर बार इस सहालग में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. लोगों के किचन से लहसुन, अदरक और धनिया, प्याज, भिंडी, परवल, करेला व अन्य गायब होते जा रहे हैं. दरअसल, सहालग के दिनों में इस तरह की सब्जियां अक्सर महंगी हो जाती हैं. जब तक सहालग रहेगी तब तक सब्जियां महंगी रहेंगी. खरीदारों के साथ-साथ विक्रेताओं को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है, लेकिन इन सब से अलग लहसुन के दाम भी आसमान छू रहे हैं.
सब्जियों के भाव (फुटकर मंडी) |
आलू : 30 रुपए प्रति किलो |
प्याज : 70-80 रुपए प्रति किलो |
टमाटर : 40-50 रुपए प्रति किलो |
अदरक : 100 रुपए प्रति किलो |
लहसुन : 400 रुपए प्रति किलो |
बीन : 60 रुपए प्रति किलो |
भिंडी : 50- रुपए प्रति किलो |
करेला : 60 रुपए प्रति किलो |
बैंगन : 50 रुपए प्रति किलो |
पालक : 30 रुपए प्रति किलो |
हरी मिर्च : 90 रुपए प्रति किलो |
लौकी : 20 रुपये प्रति किलो |
तोरई : 60 रुपये प्रति किलो |
गाजर : 40 रुपये प्रति किलो |
परवल : 100 रुपये प्रति किलो |
शिमला मिर्च : 80 रुपये प्रति किलो |
कद्दू : 30 रुपये प्रति किलो |