मिर्जापुर : जिले में वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं है. यह जिला प्रशासन का कहना है. वक्फ बोर्ड के नाम पर 704 संपत्तियों की सूची दी गई थी. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने 697, उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड ने 7 संपत्तियों की सूची दी थी. जिला प्रशासन ने संपत्तियों का सत्यापन कराया तो यह सच्चाई सामने आई.
जिला प्रशासन के सत्यापन में ये आया सामने: जब जिला प्रशासन ने 704 संपत्तियों की जांच कराई तो सामने आया कि इसमें 598 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज हैं. 23 निजी हैं, 83 का अभी चिन्हाकन नहीं हो पाया है. तहसीलवार बात की जाए तो सदर में 244, चुनार में 430, मड़िहान में 25 और लालगंज तहसील की 5 संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया था. जब जिला प्रशासन ने जांच कराई तो सदर में 154, चुनार में 416, मड़िहान में 24 और लालगंज में 4 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज मिलीं. वहीं सदर में 7, चुनार में 14, मड़िहान में 01 और लालगंज तहसील में 01 निजी संपत्ति पाई गई. 83 गाटा का अभी चिन्हांकन नहीं हो पाया है.
![जिला प्रशासन की ओर से कराए गए सत्यापन में ये आया सामने.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-02-2025/up-mir-02-vakaf-visbite-up10113_07022025110332_0702f_1738906412_842.jpg)
वक्फ बोर्ड का दावा: मदरसा अरबिया के प्रिंसिपल मौलाना नजम अली खान ने बताया कि जिले में वक्फ बोर्ड की काफी जमीन है. 16 बीघा जमीन लोहिया तालाब में है. वक्फ नंबर 3 मोना बीवी के नाम से है, जो अवैध तरीके से कब्जा किया गया है. वहीं वक़्फ़ बोर्ड के बिल संशोधन को लेकर कहा कि चारों तरफ इसका विरोध हो रहा है. हम यही चाहते हैं कि जो वक्फ की प्रॉपर्टी है वहां हॉस्पिटल, बच्चों के लिए स्कूल बनवा देना चाहिए, जिसे सभी समाज को फायदा हो. सदर तहसील के लोहिया तालाब के पास 16 बीघे की जमीन पर मौलाना दावा कर रहे हैं कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन है, जो अवैध तरीके से कब्जा कर ली गई है, उसका मुकदमा भी चल रहा है.
कब्जाधारी का दावा: जमीन पर कब्जाधारी मनचंद सोनकर ने बताया कि यह हमारे दादा के जमाने की जमीन है. इधर-उधर कराकर वक्फ बोर्ड की जमीन कर दी गई. हमारे दादा मुकदमा लड़ रहे थे, उनकी मृत्यु होने के बाद इस जमीन पर अब हम लड़ रहे हैं, इसका स्टे भी है. जो वक्फ बोर्ड की जमीन बता रहे हैं, वे कोई सबूत नहीं दे रहे हैं. जमीन कहां से पाए, जवाब नहीं दे रहे हैं.
इस बारे में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि 704 संपत्तियों की सूची प्राप्त हुई थी. जब इसका सत्यापन कराया गया तो 598 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज मिलीं. 23 गाटे निजी संपत्ति हैं तो 83 गाटे का अभी चिन्हाकन नहीं हुआ है. मिर्जापुर जनपद में वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं पाई गई है.
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