कोटा :लहसुन किसानों की बीते 2 सालों से बल्ले बल्ले हो रही है. इसके पहले साल 2022 में लहसुन उत्पादक किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. अब हालात ऐसे हैं कि लहसुन उत्पादक किसानों को प्रति बीघा हजारों रुपए का फायदा हो रहा है. वर्तमान में लहसुन के दाम आसमान पर हैं. हाड़ौती की कृषि मंडियों का रिकॉर्ड देखा जाए तो बीते साल से अब तक 8 फीसदी कम माल मंडियों में पहुंचा है, लेकिन बीते साल से 93 फीसदी ज्यादा कीमत का लहसुन अब तक बिक चुका है. किसानों को करीब 535 करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं. वर्तमान में कोटा मंडी में 5 से 7 हजार क्विंटल रोजाना लहसुन की आवक हो रही है. इसका औसत भाव वर्तमान में 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि लहसुन 13500 से लेकर 20000 रुपए प्रति क्विंटल के दाम में बिक रहा है.
बीते साल की शुरुआत में कम, फिर बढ़े दाम :बीते साल 2023 में शुरुआती सीजन में लहसुन के दाम काफी कम थे, लेकिन धीरे-धीरे जैसे एक्सपोर्ट बढ़ने लगा, साथ ही अन्य जगह से भी मांग आने लगी तो दाम बढ़ने लगे. इसके बाद हाड़ौती ही नहीं मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के लहसुन के दाम भी बढ़ने लगे हैं. यह दाम सितम्बर-अक्टूबर में जाकर काफी ज्यादा हो गए थे. इस साल 2024 जनवरी में भी काफी ज्यादा दाम थे. वहीं, अप्रैल 2024 में जब नया लहसुन आया तब से ही यह तेजी लगातार बनी हुई है. वर्तमान में भी तेजी बढ़ती जा रही है. अब लहसुन की आवक मंडी में कम होती जा रही है, लेकिन डिमांड आज भी बनी हुई है. ऐसे में पूरे साल किसानों को अच्छे दाम मिलने के चलते ही फायदा रहा है.
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औसत दाम भी इस बार रहा है दोगुना :कृषि विपणन विभाग के संयुक्त निदेशक शशि शेखर शर्मा का कहना है कि बीते साल 2023 में अप्रैल से लेकर जून तक मंडियों में हुई लहसुन की आवक के अनुसार 5100 रुपए प्रति क्विंटल का दाम आ रहा है, जबकि साल 2024 में इसी टाइम पीरियड में लगभग दोगुने से ज्यादा 10800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास दाम आ रहा है. बीते साल किसानों को इस पीरियड में माल बेचने पर 575.82 करोड़ रुपए की आय हुई थी, जबकि साल 2024 में यह आय 1110.83 करोड़ रुपए हो गई है. ऐसे में इस बार किसानों को करीब 535 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है.