आगरा: नगर निगम ने शहर की कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर ली है. जिससे शहर में अब कूड़ा कलेक्शन बेहतर तरीके से होगा. वही दूसरी ओर इस काम में नगर निगम का खजाना भी खाली नहीं होगा. ताजनगरी में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन जिस निजी कंपनी को मिलेगा. उसे ही कूड़ा कलेक्शन, यूजर चार्ज वसूली और हर यूजर की एक यूनिक आईडी बनानी होगी. इसके साथ ही नगर निगम को कंपनी ये तय धनराशि हर माह देगी. जिसके बाद यूजर चार्ज की वसूली के आधार पर नगर निगम कंपनी को भुगतान करेगा. इस व्यवस्था में अब नगर निगम के संसाधन भी कंपनी को नहीं दी जाएगी. जल्द ही इस नई कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था के लिए नगर निगम की ओर से टेंडर प्रक्रिया की जाएगी.
सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat) आगरा नगर निगम में 100 वार्ड हैं. जिसमें 3.50 लाख मकान आवासीय और व्यवसायिक हैं. शहर में हर दिन सभी वार्ड से करीब 1300 टन कूड़ा निकालता है. जिसे नगर निगम उठान करके डंपिंग जोन कुबेपुर के छलेसर स्थित खत्ताघर पर भेजता है. जहां पर गीला और सूखा कूड़ा करके निस्तारण किया जता है. नगर निगम में लगभग 3000 सफाई कर्मचारी हैं. इसके साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की 277 गाड़ियां है. जो शहर की सफाई में अहम भूमिका निभाती हैं.
हर मकान की बनेगी यूनिक आईडी:आगरा नगर निगम के नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था में खर्च होने वाले करोड़ों रुपये बचाने के लिए सभी 100 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन बदलाव की प्लानिंग की. जिसके बाद नगर निगम ने कूड़ा कलेक्शन की नई व्यवस्था का ड्राफ्ट तैयार किया. जिसमें निगम अब कूड़ा कलेक्शन करने वाली निजी फर्म या कंपनी को कोई धनराशि और अपना वाहन नहीं देगा. बल्कि, निजी फर्म या कंपनी हर माह निगम को तय धनराशि देगी.
इस बारे में सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया, कि जो भी संस्था आगरा में कूड़ा कलेक्शन का डोर टू डोर काम करेगी. पहले निगम की ओर से टेंडर प्रक्रिया में कूड़ा कलेक्शन, यूजर चार्ज वसूलने के साथ ही मकानों की यूनिक आईडी बनाने की शर्त रखी जा रही है. जिससे शहर का सर्वे होगा. नगर निगम के पास एक सही डेटा भी होगा. जिसके आधार पर लोगों को जागरूक भी किया जा सकेगा.
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सत्यापन के बाद ही मिलेंगी बिल बुक:सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम का कहना है, कि टेंडर प्रक्रिया में एक अहम शर्त ये भी है, कि निजी कंपनी जो भी भवन मालिकों से यूजर चार्ज वसूलेगी. उसकी बिल भी नगर निगम से कराएगी. जिससे निगम को यूजर चार्ज के हिसाब की जानकारी रहेगी. इसके साथ ही हर मकान मालिक से कितना यूजर चार्ज वसूला जा रही है. इसकी मॉनीटरिंग भी होगी.
फर्जीवाडा में भुगतान रोका, मुकदमे भी कराए: शहर में कूड़ा कलेक्शन करने के लिए अब तक निजी पांच फर्म या संस्था ने काम किया है. साल 2019 में शहर में पहली बार यूजर चार्ज घोटाला सामने आया था. तब 36 करोड रुपये का यूजर चार्ज घोटाला हुआ था. जबकि, ये यूजर चार्ज कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी को करना था. कंपनी ने जनता से यूजर चार्ज लिया. लेकिन, नगर निगम को नहीं दिया. नगर निगम कंपनी को तय राशि का भुगतान भी करता रहा. जिस पर नगर निगम ने अपना चार्ज वसूली के लिए निजी कंपनियों का भुगतान भी रोका. इसके साथ ही हरिपर्वत थाना में मुकदमें दर्ज कराए.
पहले यूं होता था कूड़ा कलेक्शन:आगरा नगर निगम में जिस भी कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का टेंडर मिलता था. उसे नगर निगम अपने संसाधन जैसे, कूड़ा उठान के लिए गाडियां भी देता था. इसके साथ ही एक मोटी रकम का भुगतान भी हर माह किया जाता था. इन निजी फर्म की जिम्मेदारी यूजर चार्ज वूसलने की थी. लेकिन, हर बार फर्मों ने यूजर चार्ज वसूली में लापरवाही की. कूड़ा कलेक्शन में खानापूर्ति हुई थी. जिसकी वजह से निगम के सदन में कई बार हंगामा हुआ. कंपनी पर दंड लगाने के साथ ही मुकदमे भी कराए गए.
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