उत्तरकाशी: यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा फिर से जोर पकड़ने लगी है. इस महीने में 22 दिनों की अवधि में इन दोनों धामों में एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. बीते सालों की यात्रा की तुलना में इस यात्राकाल में शुरू से ही यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है.
गंगोत्री और यमुनोत्री में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब: इस साल यानी 2024 में अब तक यमुनोत्री धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 6 लाख और गंगोत्री धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ 6 लाख 80 हजार को पार कर चुका है. मौसम साफ होने के बाद अब इन दिनों दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की आवाजाही में आने वाले दिनों में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.
रविवार को यमुनोत्री धाम में 6,292 श्रद्धालु पहुंचे (Photo- ETV Bharat) रविवार को 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे: जिला प्रशासन के द्वारा जारी यात्रा बुलेटिन के अनुसार रविवार को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में कुल 12,372 तीर्थयात्री पहुंचे हैं. यमुनोत्री धाम में 6,292 श्रद्धालुओं के आगमन के साथ ही इस यात्राकाल के कुल 136 दिनों की अवधि में धाम में आये तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 602,364 हो गई है. गत वर्ष इन्हीं 136 दिनों की अवधि में यमुनोत्री धाम में 503,567 श्रद्धालु आये थे.
इस बार बन रहा श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड: वहीं गंगोत्री धाम में रविवार को 6,080 श्रद्धालुओं का पदार्पण होने के साथ ही इस यात्राकाल में गत 10 मई को कपाट खुलने के बाद से यहां पहुंचे यात्रियों की कुल संख्या 680,950 हो गई है. जबकि गत वर्ष 10 मई से 22 सितंबर तक की 136 दिनों की अवधि में गंगोत्री धाम में 619,387 श्रद्धालुओं पहुंचे थे. यात्रा के आंकड़ों से इन दोनों धामों में इस साल तीर्थयात्रियों के आगमन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि साफ नजर आती है.
रविवार को गंगोत्री में 6,080 श्रद्धालु पहुंचे (Photo- ETV Bharat) इस यात्रा सीजन बदला ट्रेंड: इस बार के यात्राकाल में यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के आगमन का ट्रेंड बदला है. यात्राकाल की शुरुआत से ही यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुजन उमड़ रहे थे. इस यात्राकाल को संपन्न होने में अभी लगभग डेढ़ माह का समय शेष है. मानसून विदा होने के बाद यात्रियों के आवागमन में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में आने वाले यात्रियों की आंकड़ा इस बार नई ऊंचाइयों को छू सकता है.
ज्यादा श्रद्धालु आने की ये रही वजह: इस यात्राकाल में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के पीछे एक वजह यह भी रही है कि जिले के दोनों धामों के यात्रा मार्ग इस बार कभी भी पूरे दिन के लिए बंद नहीं रहे. मानसून के दौरान भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध होने की चुनौतियों से दिन-रात जूझते हुए प्रशासन ने सड़कों से जुड़े विभागों और संगठनों के सहयोग से यात्रा मार्गों को सुचारू बनाए रखा. सड़कों को खोलने के लिए संवेदनशील जगहों के साथ ही अन्य प्रमुख स्थानों पर मशीनों और मानव संसाधनों की निरंतर तैनाती और तत्पर कार्रवाई के चलते अवरुद्ध होने वाली सड़कों को तुरंत खोले जाने के फलस्वरूप इस बार अल्पावधि को छोड़कर पूरे दिन के लिए कभी भी यात्रा बाधित नहीं हुई.
यमुनोत्री पैदल मार्ग के लिए एसओपी: यात्रा के दूसरे चरण में अब यात्रा मार्गों और धामों पर भीड़ बढ़ने के फलस्वरूप जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने संबंधित विभागों को यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा से जुड़े प्रबंधों को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के साथ ही सड़कों को सुचारू बनाए रखने तथा क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारे जाने की हिदायत दी है. जिलाधिकारी ने धामों और यात्रा पड़ावों पर स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिए जाने के आदेश दिए हैं. साथ ही यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तय एसओपी के अनुसार आवागमन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए हैं.
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