वाराणसी/जालौन: गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है. इस बार नदियों में बढ़ोतरी सबसे तेज हो रही है. इसको देखते हुए वाराणसी और जालौन जिले के प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. बात वाराणसी की करें तो यहां 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. इस वक्त गंगा चेतावनी निशान से महज 1.66 मी ही नीचे बह रही है.
वाराणसी में गंगा का खतरे का निशान 71.26 मीटर है, जबकि चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है. फिलहाल वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के दौर में अचानक से बढ़ना शुरू हो गया है, जिसके बाद एक बार फिर से गंगा किनारे रहने वाले लोग दहशत में हैं.
दरअसल पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर पड़ रहा है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश, बिहार और अन्य जगहों पर बारिश लगातार होने के कारण गंगा में आकर मिलने वाली छोटी-छोटी नदियों के उफान पर होने की वजह से भी बढ़ोतरी तेज हुई है.
जिला प्रशासन वाराणसी ने एडवाइजरी जारी करते हुए जनमानस से एहतियायत बरतने की अपील की है. आंकड़ों पर गौर करें तो गंगा के जलस्तर को लेकर केंद्रीय जल आयोग में शनिवार की सुबह 8:00 बजे तक का जो जलस्तर जारी किया है, वह 68.33 मीटर दर्ज किया गया है. जिसमें 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है.
जिला प्रशासन वाराणसी की तरफ से बढ़ को लेकर जारी की गई अपील के साथ ही बाढ़ राहत हेल्पलाइन सेंटर भी खोला गया है. जिसमें किसी भी तरह की परेशानी होने पर बाढ़ पीड़ित हेल्पलाइन नंबर 0542-2508550 पर संपर्क कर सकता है. इसके अलावा 0542-2504170 पर भी कॉल किया जा सकता है.
बाढ़ से पूर्व सावधानी बरतें
- ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें.
- जरूरी कागजात जैसे-राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि का वॉटरप्रुफ बैग में सम्भाल कर रखें.
- आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूड़ा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें.
- बीमारी से बचाव हेतु क्लोरिन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखें.
- सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें.
- जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाईल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियों, टार्च, इमरजेन्सी लाईट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें.
- पशुओं में होने वाली बिमारियों के रोकथाम हेतु पशुओं को समय से टीकाकरण करायें.
- जर्जर भवन में न रहें.
बाढ़ के दौरान बरतें सावधानी
- बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त सुरक्षित स्थान पर पहुचायें.
- घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैर रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बन्द करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें.
- बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन न करें.
- उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें.
- बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें.
- गर्भवती महिलाओं को आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें.
- बिजली के तार, पोल एवं ट्रान्सफार्मर से दूर रहें.
- डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने का प्रयास न करें
- विशैले जानवरों जैसे-सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें.
- सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं.
पानी उतरने के बाद बरतें सावधानी
- बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में न जाएं.
- क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें.
- क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने का प्रयास न करें.
- स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग करें.
- महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पॉउडर का छिड़काव करें.
- संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पषुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए.
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
जालौन में यमुना नदी का बढ़ा जलस्तर: जिले में यमुना नदी के साथ पहुज नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके चलते गांव के लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. फसलों का नुकसान तो हुआ ही साथ में अब उनकी जान पर बन आई है. बाढ़ के पानी ने गांव में प्रवेश किया तो सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं. घरों में पानी घुसा तो मुसीबत और बढ़ गई है.
लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार अपनी टीम के साथ लगातार प्रभावित गांव का दौरा करने के साथ लोगों के लिए राहत सामग्री का प्रबंध कर रहे हैं. इसके लिए जिले में तैयार की गई 50 से अधिक बाढ़ चौकियों को एक्टिवेट कर दिया है जो ग्रामवासियों और जानवरों को ऊंचे स्थान पर लाने के साथ उनके लिए कम्युनिटी किचन चलाकर भोजन की व्यवस्था दुरुस्त कर दी है.
संगम में अस्थि विसर्जन करने आया है युवक बाढ़ के पानी में फंसा: प्रयागराज के संगम क्षेत्र में रीवा से आए श्रद्धालु अपने परिवार के किसी व्यक्ति का अस्थि विसर्जन करने आया था लेकिन, तभी गंगा का पानी अचानक बढ़ने लगा और वह पानी में डूबने लगा. उसको लोग निकालते तब तक वह एक गड्ढे में फंस गया. इसके बाद उसको जल पुलिस की मदद से बाहर निकला गया और निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां उसे 10 टांके लगे. श्रद्धालुओं के साथ रहे लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और बाद में वायरल कर दिया. इस हादसे के बाद से महाकुंभ को लेकर चल रही तैयारी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
फिरोजाबाद में अंतिम संस्कार की आफत, 3 दिन की बारिश में श्मशान घाट बना तालाब: फिरोजाबाद में 3 दिन की बारिश में मक्खनपुर कस्बे में थाने के पीछे बना श्मशान घाट तालाब में तब्दील हो गया है. लोगों को शव का दाह संस्कार करने में दिक्कत आ रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत नगर पंचायत अध्यक्ष से की गई लेकिन, इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका है. जबकि जल निकासी के लिए यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगा है. लेकिन, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के काम न करने के कारण जल निकासी नहीं हो पा रही है और श्मशान घाट के साथ ही आसपास कई-कई फीट पानी भरने से लोग परेशान हैं. वैसे तो बरसात के दिनों में आम तौर पर जलभराव की समस्या पैदा हो ही जाती है लेकिन इस श्मशान के इर्द-गिर्द यह समस्या सामान्य दिनों में भी बनी रहती है. यहां जलभराव की मूल वजह एक तलाब है जो ओवरफ्लो रहता है, जिसका पानी श्मशान में एंट्री कर जाता है.
ये भी पढ़ेंःयूपी में अब कमजोर पड़ेगा मानसून; 24 घंटे में 357% अधिक हुई बारिश, बदायूं में सबसे ज्यादा बरसे बदरा