नई दिल्ली/नोएडा: रेकी करने के बाद महज डेढ़ मिनट में चार पहिया वाहनों की चोरी करने और ऑन डिमांड गाडियों को बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सेक्टर-20 पुलिस ने सरगना सहित पांच आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह के सदस्यों के निशानदेही पर अलग-अलग जगहों पर पुलिस ने चोरी की पांच लग्जरी गाड़ी बरामद की है. गिरोह पर काम करने वाली पुलिस टीम को पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है. गिरोह के सरगना सहित तीन अन्य का लंबा आपराधिक इतिहास है.
एक घर में सामान के साथ कार की भी चोरी:डीसीपी नोएडा राम बदन सिंह ने बताया कि सेक्टर-27 में दिवाली के दिन एक घर में चोरी हुई थी. सारा सामान ले जाते समय एक चोर को कार की चाबी भी दिख गई. इसके बाद वह कार में सारा सामान भरकर वहां से फरार हो गया. पीड़ित ने थाना सेक्टर-20 पुलिस से मामले की शिकायत की. इसके बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. जिसके बाद 19 नवंबर को मुखबिर और लोकल इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर निठारी के पास एलिवेटेड रोड से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
ऑन डिमांड कारों की चोरी:गिरफ्तार किए गए आरोपी ऑन डिमांड कार चोरी करते हैं. इनके तार पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से जुडे हैं. अबतक 50 से ज्यादा वारदात गिरोह के सदस्य कर चुके है. ये लोग तीन राज्यों से कार चोरी करते हैं और उसके नंबर के साथ टैंपरिंग करके पंजाब का रजिस्ट्रेशन नंबर लगाकर उसे आगे भेजते थे. आरोपियों की पहचान आगरा के जैदपुर निवासी विनोद कुमार, औरेया के कोठीपुर निवासी आदेश कुमार, गाजियाबाद के खोड़ा निवासी करन जाट उर्फ सोनू, पंजाब के भटिंडा निवासी प्यारे लाल और राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी इंद्राज कुमार के रूप में हुई है. आरोपियों की उम्र 35 से 55 साल के बीच है.
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि करन जाट और उसका साथी नरेंद्र चोरी की वारदात को अंजाम देता था. नरेंद्र अभी भी फरार है. चोरी के बाद वाहन को दोनों आरोपी अपने गुरु आदेश को देते थे. आदेश चोरी की गाड़ियों को मोटा कमीशन लेकर बेच देता था. आदेश का साथी विनोद चोरी की गाड़ियों को उससे खरीदता था. इसके बाद आदेश फिर से नया ग्राहक खोजता था. ऑन डिमांड वाहनों की मांग करने वाले ग्राहकों को भी सोशल मीडिया समेत अन्य जगहों पर तलाशा जाता था. इसके बाद प्यारेलाल और इंद्राज की मदद से वाहन को ग्राहकों तक पहुंचाया जाता था.