बागपत :इस बार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जानी है. पूरे देश में यह त्यौहार त्साह के साथ मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इस पर्व की खासी धूम रहती है. त्यौहार पर लोग अपने घरों में बप्पा को विराजमान करते हैं. उनकी पूजा करते हैं. भगवान गणेश की इन मूर्तियों को तैयार करने में मूर्तिकार काफी समय पहले ही जुट जाते हैं. वे पानी, शौचालय समेत तमाम तरह की परेशानियों को झेलते हुए लोगों के पर्व को खास बनाने के लिए दिन-रात लगे रहते हैं. कुछ ऐसे ही मूर्तिकारों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने खुलकर अपनी परेशानियां बताईं.
जिले के बड़ौत कस्बे में राजस्थान के 5 परिवार करीब 12 साल से डेरा डाले हैं. वे लक्ष्मी-गणेश समेत कई तरह की मूर्तियां बनाते हैं. उन्हें ये हुनर अपने पूर्वजों से मिला है. उनकी कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम करती रहीं हैं. वे इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. उनके हाथों से तैयार किए गए बप्पा यूपी ही नहीं बल्कि दिल्ली-हरियाणा में भी विराजते हैं. इस वर्ष भी ये कलाकार बागपत में बप्पा की मूर्ति तैयार करने में जुटे हैं.
पूर्वज से मिला हुनर, मूर्तियां बनाकर करते हैं गुजारा :मूर्तिकार नारायण ने बताया कि हम बचपन से ही मूर्तियों को बनाते हैं. हम लोग राजस्थान के रहन वाले हैं. हमारी बनाई मूर्तियां दिल्ली में भी जाती हैं. मूर्तिकार हीमाराम ने बताया कि हम कई साल से यहां रह रहे हैं. राजस्थान में हमारी जमीन नहीं है. इस वजह से हम यहां मूर्तियों को बनाकर अपना गुजारा करते हैं. यहां न तो यहां शौचालय की सुविधा है और न ही पानी की व्यवस्था है. हमारे दादा-परदादा भी यही काम करते हैं.