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यूपी में सर्वोदय विद्यालयों की संख्या बढ़कर हुई 100, NEET-JEE की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग मिलेगी - 100 SARVODAYA VIDYALAYAS IN UP

100 Sarvodaya Vidyalayas in UP : विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, पाठ्य सामग्री और यूनिफॉर्म की भी फ्री सुविधा.

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 29, 2024, 5:47 PM IST

लखनऊ : यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं. जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश में समाज कल्याण एवं जनजातीय विकास विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों की संख्या 94 से बढ़कर 100 हो गई है. इन विद्यालयों में जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली आवासीय निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ छात्रावास, पाठ्य सामग्री और यूनिफॉर्म की सुविधा दी जा रही है.

जारी विज्ञप्ति के अनुसार, जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में 60 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के लिए, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए और 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित है. इस समावेशी नीति के चलते सभी वर्गों के गरीब परिवारों के बच्चों को समान अवसर मिल पा रहे हैं. बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग विद्यालयों की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें सुरक्षित और प्रभावशाली माहौल में अपनी पढ़ाई करने का मौका मिले. वर्तमान में 58 जिलों में कुल 100 सर्वोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिसमें 31 सर्वोदय बालिका विद्यालय और 69 सर्वोदय बालक विद्यालय शामिल हैं. इनमें से 45 विद्यालयों में आवासीय सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है.

सरकार प्रयासों के फलस्वरूप बढ़ी लाभार्थियों की संख्या
वर्ष लाभार्थी छात्रों की संख्या
2018-19 32,429
2019-20 32,466
2020-21 33,388
2021-22 35,068
2022-23 35,089
2023-24 33,253
2024-25 35,000 से अधिक


नीट-जेईई की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा :जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश के सर्वोदय विद्यालयों में पढ़ने वाली प्रतिभावान छात्राओं को अब नीट और जेईई की निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है. इसके तहत मिर्जापुर जिले के मडिहान में विशेष रूप से एक कोचिंग सेंटर की शुरुआत की गई है, जहां 40 मेधावी छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है. सर्वोदय विद्यालयों में छात्रों को केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि पाठ्य सामग्री, यूनिफार्म और खेलकूद की पूरी व्यवस्था भी योगी सरकार द्वारा नि:शुल्क मुहैया कराई जा रही है.

इस व्यवस्था का उद्देश्य छात्रों को न केवल शैक्षिक बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी सशक्त बनाना है. इन विद्यालयों में राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत 570 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी की जा रही है, ताकि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा छात्रों को प्रदान की जा सके. इन शिक्षकों में जो टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) कक्षा 6 से 10 तक पढ़ाते हैं उनके लिए मानदेय 34,125 रुपये और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) कक्षा 11 से 12 तक पढ़ाते हैं उनके लिए 35,700 रुपये का मानदेय निर्धारित किया गया है.




सर्वोदय विद्यालय एक महत्वपूर्ण माध्यम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के अनुसार गरीब और वंचित वर्ग के होनहार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सर्वोदय विद्यालय एक महत्वपूर्ण माध्यम है. सीएम योगी का उद्देश्य है कि समाज के निर्धन वर्ग के बच्चों को आर्थिक कठिनाइयों के कारण पढ़ाई से वंचित न रहना पड़े. इन आवासीय विद्यालयों के माध्यम से ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक सशक्त प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जहां वे नि:शुल्क आवास, भोजन और अन्य शैक्षणिक संसाधनों के साथ पढ़ाई कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री का मानना है कि हर बच्चा अपनी मेहनत से समाज में कुछ हासिल कर सकता है. यदि उसे सही अवसर और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं. ऐसे में सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा के इस मंच तक पहुंचाया जाए. इसके लिए राज्य सरकार ने न केवल नए विद्यालय खोलने पर ध्यान दिया है, बल्कि इन विद्यालयों की सुविधाओं को भी व्यापक बनाया है.

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