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सीएम योगी ने पूरा किया वादा, यूपी के सभी 75 जिलों में मिलेगी फ्री डायलिसिस की सुविधा

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में डायलिसिस की सुविधा (Free dialysis facility in all 75 districts) फ्री मिलेगी. निजी डायलिसिस क्लिनिक मनमाना शुल्क वसूलते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 6:43 PM IST

लखनऊ:प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा (Free dialysis facility in Uttar Pradesh) उपलब्ध कराई जा रही है. किडनी मरीज के लिए डायलिसिस होना अनिवार्य होता है. निजी सार्वजनिक सहभागिता यानी पीपीपी मॉडल के तहत प्रदेश में डायलिसिस यूनिट संचालित है. चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश सरकार लगातार सुधार कर रही है. इसी के तहत अब प्रदेश के 75 जिलों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की कीमत महज 50 रुपए है.

किडनी के रोग से पीड़ित मरीजों के लिए डायलिसिस अति आवश्यक हो जाता है. अस्पतालों में कई मरीज ऐसे भी आते हैं, जिनकी दोनों किडनी फेल होती हैं इस स्थिति में मरीज डायलिसिस पर ही जिंदा रहता है जहां सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की कीमत महज 50 रुपए है. वहीं निजी डायलिसिस क्लिनिकों में इसकी कीमत 3 से 4 गुना अधिक है.

एमबीबीएस और पीजी की बढ़ीं सीटें: सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है और निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है. इस तरह कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं. सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पीजी सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 और निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है. इस तरह पीजी की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं.

चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश सरकार लगातार सुधार कर रही है.

मृत्यु दर में आई कमी: राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख और शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गयी है. वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में एईएस (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) मरीजों की संख्या में 76 प्रतिशत और मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जेई (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के मरीजों की संख्या में 85 प्रतिशत और मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है.

4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित:आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किया गया है. लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है.

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