लखनऊ:प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा (Free dialysis facility in Uttar Pradesh) उपलब्ध कराई जा रही है. किडनी मरीज के लिए डायलिसिस होना अनिवार्य होता है. निजी सार्वजनिक सहभागिता यानी पीपीपी मॉडल के तहत प्रदेश में डायलिसिस यूनिट संचालित है. चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश सरकार लगातार सुधार कर रही है. इसी के तहत अब प्रदेश के 75 जिलों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
किडनी के रोग से पीड़ित मरीजों के लिए डायलिसिस अति आवश्यक हो जाता है. अस्पतालों में कई मरीज ऐसे भी आते हैं, जिनकी दोनों किडनी फेल होती हैं इस स्थिति में मरीज डायलिसिस पर ही जिंदा रहता है जहां सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की कीमत महज 50 रुपए है. वहीं निजी डायलिसिस क्लिनिकों में इसकी कीमत 3 से 4 गुना अधिक है.
एमबीबीएस और पीजी की बढ़ीं सीटें: सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है और निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है. इस तरह कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं. सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पीजी सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 और निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है. इस तरह पीजी की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं.