आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI तकनीक को ठगों ने बनाया हथियार, ये उपाए आपके खाते का रखेंगे ख्याल - Fraudsters are using AI technology
सायबर ठग इन दिनों रायपुर में एक्टिव हैं. ठगी करने वाले लोग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI की तकनीक से लोगों को चूना लगा रहे हैं. अगर आप सतर्क नहीं है तो आपके खाते में भी ये सेंध लगा सकते हैं. अगर आप इन सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हैं तो आप महफूज हैं.
रायपुर: ठगों पर ये बात बिल्कुल फिट बैठती है तू डाल डाल तो मैं पात पात. पुलिस जब भी ठगों पर नकले लगाने की तैयारी करती है. चोर और ठग नई नई तकनीक की मदद से लोगों को चूना लगाने से बाज नहीं आते. हाल के दिनों में एक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI आई है. तकनीक का जितना फायदा लोग उठा रहे हैं उतना ही फायदा अब इसका ठग और जालसाज उठाने लगे हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का ठगी में इस्तेमाल: नौकरी दिलाने के नाम तो कभी एटीएम एक्सपायर होने के नाम पर ठग लोगों को फोन किया करते हैं. कभी आपके इंश्योरेंस को लेकर तो कभी लॉटरी निकलने को लेकर फर्जीवाड़े का फोन आता है. पुलिस और आरबीआई ने ऐसे ठगों पर लगाम लगाने के लिए लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया. पुलिस और आरबीआई के अभियान से लोग जागरुक भी हुए. पर अब ठगों ने अपनी ठगी के हथियार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपना हथियार बना लिया है. इस तकनीक की मदद से ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
एडिशनल एसपी ने दिए ठगी से बचने के टिप्स
अनजान फोन आए तो सावधान हो जाएं
किसी को भी पर्सनल डेटा शेयर नहीं करें
फोन करने वाले की पक्की तस्दीक करें
बैंक खाते से जुड़ी जानकारी नहीं दें
ओटीपी किसी भी हालत में शेयर नहीं करें
सोशल मीडिया पर मदद मांगने वालों से सावधान रहें
अनवांटेड एप डाउनलोड नहीं करें
"वर्तमान समय में ठग कोई भी व्यक्ति का पर्सनल डाटा हासिल कर उसका रिश्तेदार बनकर फोन कर सकते हैं. ठग आपको अपना रिश्तेदार बता सकते हैं. बैंक कर्मी बनकर भी आपको फोन कर सकते हैं. आप किसी भी कीमत पर अपना पर्सनल डेटा किसी के साथ शेयर नहीं करें. अंजान फोन कॉल पर सावधान रहें. ओटीपी वेरिफिकेशन कोड किसी भी अंजान शख्स को नहीं बताएं. ठग आज कल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं. पुलिस को जरूर इससे जुड़ी कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन सावधान रहने की जरूरत है. - संदीप मित्तल, एडिशनल एसपी, क्राइम
ठग कर रहे वॉयस स्कैन का इस्तेमाल:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वॉयस स्कैन की तरह ही वीडियो कॉल स्कैन भी ठग कर रहे हैं. इस तकनीक में साइबर फ्रॉड करने वाले ठग डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर खुद को आपका करीबी बताते हैं. बातों में फंसाकर ये ठग आपसे पेमेंट करा लेंगे. कई बार डीपफेक से अश्लील तस्वीरें या वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल भी किया जा रहा है.
सतर्कता ही बचाव है: कहते हैं अगर आप सतर्क हैं तो फिर आपको कोई ठग नहीं सकता है. अंजान फोन कॉल को इंटरटेन करने से बचें. अपने फोन और कंप्यूटर को सेक्योर रखने के लिए लगातार पासवर्ड बदलते रहे. एटीएम और बैंक खातों की डिटेल भी समय समय पर चेंज करते रहें.