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पानीपत में निजी कंपनी से धोखाधड़ी, फर्जी स्टाफ के नाम पर 20 लाख का घोटाला, दो आरोपी गिरफ्तार

पानीपत में निजी कंपनी में फर्जी स्टाफ के नाम पर 20 लाख से अधिक का घोटाला किया. मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

Fraud with private company in Panipat
पानीपत में निजी कंपनी से धोखाधड़ी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 4 hours ago

पानीपत:जिले के सदर थाना क्षेत्र में निजी कंपनी से धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक आरोपी यूपी का रहने वाला है. जबकि दूसरा आरोपी पुडुचेरी का रहने वाला है. दोनों में से एक को जेल भेज दिया गया है. वहीं दूसरा आरोपी दो दिनों के लिए पुलिस की रिमांड पर है. ये दोनों फर्जी स्टाफ के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किए हैं.

ये है पूरा मामला:दरअसल ये पूरी घटना पानीपत सदर थाना क्षेत्र की है. यहां महाराष्ट्र निवासी मंदार मोहन कासकर ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी कंपनी के दो एम्प्लॉय कंपनी से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए डकार गए हैं. शिकायत के मुताबिक मोहन स्टर्लिंग इलेक्ट्रो इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर काम कर रहे हैं. कंपनी ने ग्रासीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी में काम शुरू किया है.

कंपनी का पानीपत में रिफाइनरी रोड स्थित एचएसआईडीसी में प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. यहां कंपनी ने काम करने के लिए स्टाफ से अंकुर चौधरी और बिजीश को रखा है. जुलाई 2024 में जांच के दौरान पता चला कि अंकुर चौधरी और बिजीश मिलकर करीब एक साल से 6 लोगों के झूठे नाम बताकर कंपनी से सैलरी ले रहा है. वे 6 लोग फर्जी है, जो न तो साइट पर काम करते हैं और ना ही कभी आए हैं.

फर्जी स्टाफ के नाम पर धोखाधड़ी:शिकायत के मुताबिक दोनों आरोपी उन 6 लोगों के नाम पर अब तक 20 लाख रुपये सैलरी के तौर पर ले चुके हैं. आरोपियों ने उन 6 लोगों के नाम का डेबिट कार्ड भी अपने पास रखा है. इससे वे पैसे निकाला करते थे. इतना ही नहीं दोनों ने साइट पर काम कर रहे कांट्रेक्टर के पास से भी पैसों की हेराफेरी की है. हेराफेरी की कुल राशि 30 लाख रुपये तक हो सकती है. शिकायत के बाद थाना सदर में मंदार मोहन कासकर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई.

धोखाधड़ी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में आरोपियों ने कंपनी की साइट पर चल रहे काम पर फर्जी लेबर दिखाकर 15 लाख रुपये हड़पे हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन दोनों ने फर्जी लेबर के नाम पर कंपनी से हड़पी राशि को बांट लिया था. आरोपी अंकुर चौधरी ने अपने पास 12.50 लाख रुपये रखा है. बाकी 2.50 लाख रुपये साथी आरोपी बिजीश पी को दिया था. शिकायत बारे पता चलने पर आरोपी अंकुश ने 7.10 लाख और आरोपी बिजीश पी ने 90 हजार रुपये कंपनी में वापिस जमा करवा दिए थे.-राकेश, थाना प्रभारी, सदर थाना

दोनों आरोपी गिरफ्तार: जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया. पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया. पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया. इसके बाद एक आरोपी बिजीश को जेल भेज दिया. जबकि दूसरे आरोपी अंकुर को दो दिनों की पुलिस रिमांड पर रखा गया है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

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