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युवाओं से 1-1 लाख रुपये लेकर दिया वीजा और फ्लाइट का टिकट; विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे तो निकला फर्जी

लखनऊ में विदेश भेजने के नाम पर भोले-भाले युवकों से हो रही ठगी, 200 से अधिक युवाओं को लगाया चूना, ऑफिस बंद कर फरार

लखनऊ में ऑफिस खोलकर बेरोजगारों से ठगी.
लखनऊ में ऑफिस खोलकर बेरोजगारों से ठगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

लखनऊ: राजधानी के विभूतिखंड में कुछ लोगों ने एक टूर एंड ट्रैवल का ऑफिस खोला. फिर अपने ही लोगों के जरिये यूपी के अलग-अलग जिलों में रहने वाले बेरोजगारों को खाड़ी देशों में नौकरी लगवाने का झांसा दिलवाया. बड़ी संख्या में नौजवानों ने अपनी छोटी मोटी नौकरी छोड़ कर इसमें अप्लाई किया. इसके बाद आवेदकों को लखनऊ बुलाया. यहां बाकायदा मेडिकल करवाने के बाद वीजा और फ्लाइट का टिकट दिया एक-एक लाख रुपये लेकर दे दिया. लेकिन युवा विदेश जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे तो जांच के दौरान पता चला कि वीजा और टिकट नकली है. यह जानकर हैरान होकर वापस लखनऊ आये तो ऑफिस का नामोनिशान नहीं था. ठगे गए युवकों ने खुद के साथ हुई जलसाजी की विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज करवाई. अब तक कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ.

ये सिर्फ इस टूर एंड ट्रेवेल के जरिये ठगे गए नौजवानो का नहीं बल्कि इससे पहले एक अन्य कंपनी द्वारा भी खड़ी देश भेजेने के नाम पर हुई ठगी के शिकार युवकों का भी यही हाल है. ये सभी अपने माता पिता की खून पसीने की कमाई को वापस पाने का इंतजार कर रहे है.

विदेश भेजने के नाम पर भोले-भाले युवकों से हो रही ठगी. (Video Credit; ETV Bharat)


अल रहमान टूर एंड ट्रैवल का ऑफिस खोलकर लगाया चूनाःआजमगढ़ के रहने वाले राकेश पांडे ने बताया कि वह प्रयागराज में एक कंपनी में साइट इंचार्ज की नौकरी कर रहे थे. 22 हजार सैलरी थी, जिससे मां, छोटे भाई, पत्नी और अपने चार बच्चों का पालन पोषण करते थे. एक दिन उनके गांव के लड़के ने बताया कि लखनऊ की अल रहमान टूर एंड ट्रैवल लड़कों को जॉर्डन भेज रही है, जहां एक कंपनी को लड़के चाहिए. राकेश पाण्डेय ने बताया कि भरोसा कर लखनऊ के विभूतिखंड स्थित अल रहमान टूर एंड ट्रैवल ऑफिस आ गए. यहां उनके साथ नौ अन्य लड़के थे, जिन्हे जॉर्डन जाना था. राकेश ने बताया कि ट्रैवल्स ऑफिस में पढ़ाई के बारे में जानकारी ली गयी और पासपोर्ट चेक किया गया. इसके बाद मेडिकल करवाने के बाद 26 सितंबर को वीजा और एयर टिकट लेने के लिए एक लाख दस हजार रुपये लेकर आने को कहा. 26 सितंबर को ऑफिस पहुंचे तो वीजा और एयर टिकट दे दिया गया, जो 9 अक्टूबर का था.

युवाओं को दिया गया फर्जी अप्वाइमेंट लेटर. (Photo Credit; ETV Bharat)
जॉर्डन जाने के लिए मुंबई की नौकरी छोड़ीःआजमगढ़ के ही अभिषेक नायक भी मुंबई में क्रेन ऑपरेटर की नौकरी कर रहे थे. उन्हें भी जॉर्डन में नौकरी की बात पता चली तो नौकरी छोड़ कर अल रहमान टूर एंड ट्रैवेल के ऑफिस पहुंच गए. राकेश की ही तरह उन्हें भी 26 सितम्बर को वीजा व टिकट दे दिया गया. अभिषेक बताते है कि 9 अक्टूबर को दिल्ली से जॉर्डन की फ्लाइट थी. राकेश और उनके अलावा 50 से अधिक युवक भी अल रहमान टूर एंड ट्रैवल के द्वारा भेजे गए थे. अभिषेक ने बताया कि सबसे पहले उनका एयरपोर्ट में टिकट चेक हुआ. एयरपोर्ट पर तैनात कर्मियों ने बताया कि यह नकली टिकट है. यह सुनकर सभी युवकों के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी. सभी ने टिकट चेक करवाये तो फर्जी पाए गए.
युवाओं को दिया गया फर्जी टिकट. (Photo Credit; ETV Bharat)
दिल्ली से लखनऊ वापस आये बंद मिला ऑफिसःआजमगढ़ के ही राजाराम यादव ने बताया कि जैसे ही हमें पता चला कि टिकट और वीजा दोनों नकली है. हम लोग दिल्ली से लखनऊ की बस पकड़ कर विभूतिखंड आ गए और सी 56 स्थित अल रहमान टूर एंड ट्रैवेल के ऑफिस पहुचे. वहां का नजारा देख कर हम लोग और हैरान हो गए. क्योंकि वहां टूर एंड ट्रैवल का नामोनिशान नहीं था. जिसके बाद विभूति खंड ऑफिस में टूर एंड ट्रैवल के मालिक मोहम्मद फुरकान और अतिकुर्राहमान के खिलाफ FIR दर्ज कराई.
युवाओं को दिया गया फर्जी वीजा. (Photo Credit; ETV Bharat)

बिलाल टूर ने 150 युवाओं को लगाया चूनाःअभिषेक, राकेश और राजाराम की ही तरह लखनऊ के भीम जायसवाल विभूतिखंड स्थित बिलाल टूर एंड ट्रैवेल के जरिये खाड़ी देश जाने वाले थे. इसके लिए उन्होंने एक लाख रूपये भी दिए. उन्हें अन्य करीब 150 लोगों को बिलाल टूर आजदी ट्रेवल वालों ने वीजा और टिकट देकर दिल्ली एयरपोर्ट भेज दिया. लेकिन जब वहां पहुचे तो पता चला कि टिकट कैंसिल कर दिए गए हैं. सभी वापस दिल्ली से लखनऊ आये तो ऑफिस बंद मिला. इसकी भी विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज है. हालांकि पुलिस अब तक इन जालसाजो को पकड़ नहीं सकी है.


सैकड़ों जालसाज दुकान खोल कर बैठेःराजधानी के विभूतिखंड में सैकड़ो टूर एंड ट्रेवल के ऑफिस धड़ल्ले से चल रहे है. जहां यूपी और बिहार के अलग अलग जिलों से लड़को को खाड़ी देश में नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाया जाता है और फिर उनसे मोटी रकम ठग कर कंपनी बंद कर दी जाती है. डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह कहते है कि ऐसे मामलों में हमारी प्राथमिकता मुकदमा दर्ज करना होता है. जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच करते है और विवेचना में जो दोषी पाए जाते है, उन्हें सालाखों के पीछे भेजा जाता है. हालांकि ये जालसाज कैसे इन इलाकों में अपनी ठगी की दुकान संचालित करते रहते हैं, इस पर पुलिस के पास जवाब नहीं है.

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